SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 80

गरीबी से तंग आकर बच्चों को आश्रम में छोड़ा

जागरण ब्यूरो, भोपाल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के कोरकू आदिवासी दुकाली ने गरीबी से तंग आकर अपने दो बच्चों को सारणी के एक आश्रम को दान कर दिया है। भोपाल से सटे हुए बैतूल आदिवासी अंचल की इस घटना ने केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं की कलई खोलकर रख दी है। यह घटना उस वक्त हुई जब राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों में भारतीय जनता पार्टी का...

More »

अपने हक के लिए संगठित हो रहे हैं आदिवासी

जागरण ब्यूरो भोपाल, 6 सितंबर। मध्यप्रदेश में आदिवासी राजनीति एक बार फिर गरमा रही है। भाजपा के आदिवासी नेता अगले माह भोपाल में एक मंच पर एकत्रित हो रहे हैं। इस मंच पर आदिवासी अपने हकों की लड़ाई लड़ने का एलान करेंगे। आदिवासी नेताओं को एक मंच पर लाने का काम अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के विभाजन के बाद से ही यह...

More »

विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें

जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...

More »

कृषि ज्ञान व आदान अभियान का आगाज

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : कृषि एवं पशुपालन मंत्री हरजीराम बुरड़क ने शनिवार को प्रतापगढ़ जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के असावता ग्राम में राज्य स्तरीय ''कृषि ज्ञान एवं आदान अभियान-2010'' का आगाज किया। बुरड़क प्रतापगढ़ पंचायत समिति के असावता स्थित नवक्रमोन्नत राजकीय माध्यमिक विद्यालय में ''कृषि ज्ञान एवं आदान अभियान'' का विधिवत् शुभारम्भ करने के पश्चात् आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुए कहा कि...

More »

हाले-सितम बयान किए और रो पड़े

सिलीगुड़ी [कार्यालय संवाददाता]। बात उन बच्चों की है, जो चाय बागानों से प्रधान नगर स्थित स्कूलों में लाए जा रहे। कई किलोमीटर का सफर और सवारी ट्रैक्टर से लगी डिब्बानुमा जालीदार ट्राली। यानि कि 'जेलगाड़ी'। इस आलम में मासूम बिलबिला रहे। ट्राली के भीतर न बैठने के लिए सीट है, न पकड़ने के लिए हत्था। एक-दूसरे से धक्के खाते बच्चे भीतर गिरते-पड़ते स्कूल पहुंचते हैं। तब तक उनकी हालत मरियल हो चुकी होती है। जाली...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close