नई दिल्ली: एक प्रत्याशित कदम उठाते हुए वित्त मंत्रालय ने सरकारी मान्यता प्राप्त पत्रकारों के भी नॉर्थ ब्लॉक में परिसर में बिना पूर्व अनुमति के जाने पर पाबंदी लगा दी है. अभी तक केवल बजट से पहले ही इस तरह की पाबंदी लगाई जाती थी ताकि बजट को लेकर गोपनीयता बनाई रखी जा सके. वहीं, पूर्व में बजट पेश होने के अगले ही कामकाजी दिन पाबंदी हटा ली जाती थी. वहीं, इससे...
More »SEARCH RESULT
किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के फायदे बताने के लिए झारखंड के गांवों में खेती करेंगे कृषि विशेषज्ञ
रांची : जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है, देश और दुनिया में खेती योग्य जमीन (Agricultural Land) लगातार कम हो रही है. ऐसे में किसानों (Farmers) की आय (Income) बढ़ाना सरकार के सामने एक चुनौती है. नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय (Farmers Income) दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए कई उपाय किये जा रहे हैं. झारखंड सरकार इन उपायों को लागू...
More »क्यों झारखंड में आदिवासियों के लिए सरकारी राशन लेना दिनोंदिन मुश्किल होता जा रहा है
बीते पांच फरवरी को झारखंड सरकार ने जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन लेने के लिए राशन कार्ड में दर्ज सभी सदस्यों का आधार लिंक करवाना अनिवार्य कर दिया. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून अनुसार योग्य परिवारों को प्रति माह कार्ड पर दर्ज प्रत्येक सदस्य के लिए सस्ते दरों पर पांच किलो अनाज का अधिकार है (अन्त्योदय कार्डधारियों को 35 किलो प्रति परिवार). राज्य खाद्य विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध सरकारी आंकड़ों...
More »आधार में दिया गया नाम-पता ठोस सबूत नहीं: इलाहाबाद उच्च न्यायालय
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कहा है कि आधार कार्ड में दिए गए नाम, लिंग, पता और जन्मतिथि को इन तथ्यों का ठोस सबूत नहीं माना जा सकता है. साथ ही, आपराधिक मामलों की जांच में संदेह होने पर इनकी पड़ताल की जा सकती है. जस्टिस अजय लाम्बा और जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने हाल में दिए गए एक फैसले में कहा कि साक्ष्य अधिनियम के तहत...
More »क्यों सरकारी योजनाओं के बावजूद झारखंड की आदिम जनजातियों को खाने की किल्लत से दो-चार होना पड़ता है- विवेक कुमार
झारखंड के लातेहार ज़िले के मनिका प्रखंड के सेवधरा गांव के अमरेश परहैया अपने परिवार के साथ में विभिन्न मूलभूत सुविधाओं से दूर अपना जीवन बिता रहे है. परिवार की आय का मुख्य स्रोत अकुशल मज़दूरी है. इनके पास खेती योग्य भूमि नही हैं. अमरेश को मुश्किल से एक महीने में 8 से 10 दिन ही 150 रुपये/प्रतिदिन की मज़दूरी दर पर काम मिल पाता है. अनाज की कमी और आर्थिक...
More »