समावेशी वृद्धि सूचकांक में भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं में 62वें स्थान पर है। इस मामले में भारत चीन (26वां) और पाकिस्तान (47वां) से भी पीछे है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने अपनी सालाना शिखर बैठक शुरू होने से पहले सोमवार (22 जनवरी) को यह सूची जारी की। नॉर्वे दुनिया की सबसे समावेशी आधुनिक विकसित अर्थव्यवस्था बना हुआ है। वहीं लिथुआनिया उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर है। डब्ल्यूईएफ की वार्षिक शिखर बैठक...
More »SEARCH RESULT
भारत के 1 फीसदी लोगों के पास 73% आबादी से अधिक धन-दौलत
भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता के नए आंकड़े चौंकाने वाले हैं. देश में एक फीसदी लोगों के पास 73 फीसदी आबादी की आमदनी से भी ज्यादा पैसा है. हाल में आए इंटरनेशनल राइट्स समूह ऑक्सफैम की सर्वे रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि भारत के सबसे अमीर 1 फीसदी लोगों के पास देश के 73 प्रतिशत लोगों की इनकम से भी ज्यादा पैसा है. वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (विश्व आर्थिक...
More »बुलेट ट्रेन से पहले बुलेट इंटरनेट- ओसामा मंजर
मध्य प्रदेश के चंदेरी में एक सामुदायिक सूचना संसाधन केंद्र (सीआईआरसी) पर 10 वर्ष का लड़का आता है और यू-ट्यूब पर अपने पसंदीदा कलाकारों की नई फिल्मों के नाचते-गाते वीडियो देखता है। वह वीडियो डाउनलोड करता है, अपनी डिवाइस में उनको सेव करता है और फिर वापस घर लौट जाता है, ताकि उन वीडियो को देखकर वह अपने डांस की प्रैक्टिस कर सके। अपने इस काम में वह इतना...
More »विश्व आर्थिक मंचः महिला-पुरुष समानता सूचकांक में भारत को झटका, 21 पायदान फिसला
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के महिला पुरुष समानता सूचकांक में भारत 21 पायदान फिसलकर 108वें स्थान पर आ गया है। अर्थव्यवस्था और कम वेतन में महिलाओं की भागीदारी निचले स्तर पर रहने से भारत अपने पड़ोसी देशों चीन और बांग्लादेश से भी पीछे है। आपको बता दें कि डब्ल्यूईएफ ने सबसे पहले 2006 में इस तरह की सूची प्रकाशित की थी। उस समय के हिसाब से भी भारत 10 स्थान...
More »नकदी के जरिये कुपोषण से लड़ाई--- आलोक कुमार
हाल ही में प्रकाशित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकडे़ हमारा उत्साह नहीं बढ़ाते, खासकर तब, जब हम इनको भारत की आर्थिक प्रगति के परिप्रेक्ष्य में देखते हैं। भारत में प्रत्येक तीसरा शिशु कुपोषित है और मातृत्व-काल की हरेक दूसरी महिला अनीमिया से ग्रसित है। और ऐसा तब है, जब हम कुपोषण से सभी मोर्चों पर लड़ रहे हैं- स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिये, स्वच्छता के...
More »