दस दिन के किसान-आंदोलन के बाद महाराष्ट्र सरकार ने छोटी जोतवाले (लघु एवं सीमांत) करीब 31 लाख किसानों का लगभग तीन खरब रुपये का कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में वादे के मुताबिक पांच एकड़ से कम जोतवाले किसानों का तीन खरब, 69 अरब रुपये का कृषि-कर्ज माफ करने का निर्णय किया था. मध्य प्रदेश में खूनी...
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एनडीए के तीन साल- सबसे बड़ी चुनौती रोजगार बढ़ाने की..
अगले महीने शासन के तीन साल पूरा करने जा रही एनडीए सरकार के लिए रोजगार सृजन के मोर्चे से बुरी खबर है ! देश के तकरीबन लगभग 50 फीसद राज्यों में बीते सालों में रोजगार के अवसरों में कमी आई है. बीते छह फरवरी को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि 2013-14 की तुलना में 2015-16 में बेरोजगारी दर में...
More »बजट में हुई अनदेखी का अर्थ-- डा. भरत झुनझुनवाला
वित्त मंत्री ने बजट में सरकार के पूंजी खर्चों को बढ़ाने की बात कही है. ग्रामीण सड़क एवं विद्युतीकरण जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में निवेश बढ़ाया गया है. यह कदम सही दिशा में है. इस दिशा में पहली चुनौती कार्यान्वयन की है. एनडीए सरकार के अब तक के प्रथम तीन वर्षों में सरकार के पूंजी खर्चों में गिरावट आयी है. यह क्षम्य है, चूंकि बीत वर्षों में सरकार पर सातवें वेतन आयोग...
More »पूंजी खर्च की कमी से आर्थिक सुस्ती-- भरत झुनझुनवाला
एनडीए सरकार को आसीन हुए लगभग तीन वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। विकास दर लगभग 7 प्रतिशत पर शिथिल रही है। आगामी बजट यह तय करेगा कि अगले दो वर्षों में विकास दर इसी प्रकार शिथिल बनी रहेगी अथवा गतिमान हो जायेगी। विकास प्रक्रिया निवेश आधारित होती है। जैसे रिक्शे वाला बचत करके उस रकम का निवेश आटो रिक्शा खरीदने में करे तो उसका आर्थिक विकास होता है। तुलना में...
More »आखिर कब मिलेगा न्याय!-- आकार पटेल
वर्ष 1984 में हुए सिख-विरोधी नरसंहार के पीड़ितों और भुक्तभोगियों को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार कितनी गंभीर है? यह ऐसा प्रश्न है, जिसे जानने के लिए सभी भारतीयों को उत्सुक होना चाहिए, क्योंकि इससे यह बात स्पष्ट हो जायेगी कि इस देश में बड़े पैमाने पर होनेवाली हिंसा के मामले में पीड़ितों को कभी न्याय मिल पायेगा या नहीं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद मचे...
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