जनसत्ता 31 मई, 2012: इसे ‘केला गणतंत्र’ कहें तो कई लोगों को आपत्ति हो सकती है। लेकिन दिशाहीन राजनीति और डोलती अर्थव्यवस्था के लिए ‘बनाना रिपब्लिक’ जैसे शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अमेरिकी लेखक ओ हेनरी ने 1904 में अपनी पुस्तक ‘कैबेज एंड किंग्स’ में किया था। ओ हेनरी 1896-97 में बैंक घोटाले के एक मामले में अमेरिका से गायब हो गए थे, और होंडुरास में शरण ली थी। उस दौरान मध्य अमेरिकी...
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इस प्रतिबंध के बड़े खतरे- योगेन्द्र यादव
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के कार्टून पर मचा हंगामा पिछले हफ्ते भर से एक विडंबना की शक्ल में मेरी सोच से लगातार टकरा रहा है. राष्ट्रीय पाठय़पुस्तकों में शायद पहली बार आंबेडकर को भारतीय गणतंत्र के प्रमुख संस्थापकों के तौर पर दिखाने की कोशिश की गयी थी. लेकिन, संसद में इस कोशिश पर ही इस दलील के साथ हमला बोला गया कि किताब में शामिल एक कार्टून उनका अपमान करता है....
More »छुआछूत अब भी जारी है....
अनदेखी और उपेक्षा के बीच छुआछूत का बरताव जारी है और देश में अस्पृश्यता की समस्या मौजूद है। यह लाखों लोगों के लिए उम्र भर दुःख और अपमान के बीच रहने और जीने का मामला है। इसकी कल्पना बरतर सामाजिक हालातों में जीने वाले नहीं कर सकते लेकिन जैसा कि गुजरे 14 अप्रैल, 2012 से शुरु हुए अनुच्छेद 17 अभियान के अंतर्गत इंडिया अनहर्ड द्वारा जारी 22 छोटे और आसानी...
More »लोकपाल लाओ वरना 2014 में सत्ता छोड़ो : हजारे
नयी दिल्ली : भ्रष्टाचार का भंडाफ़ोड करने वालों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देने वाली सरकार को ‘गूंगी और बहरी’ करार देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज जंतर-मंतर पर एक दिवसीय उपवास के दौरान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के पास दो विकल्प हैं.‘‘लोकपाल लाओ या सत्ता छोड़ो.’’ लोकपाल आंदोलन में नयी जान फूंकने का प्रयास करते हुए हजारे ने...
More »मेहनतकश की मजदूरी का सवाल : हर्ष मंदर
‘खेतों और फैक्टरियों में काम करने वाले हर मजदूर और कामगार को कम से कम इतना अधिकार तो है ही कि वह इतनी मजदूरी पाए कि अपना जीवन सुख-सुविधा से बिता सके..।’ वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में अध्यक्षीय भाषण दे रहे जवाहरलाल नेहरू ने यह बात कही थी। इसके नौ दशक बाद स्वतंत्र भारत की केंद्र सरकार ने कहा कि लोककार्य के लिए कानून द्वारा स्थापित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान...
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