रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने अपने आखिरी भाषण में सरकार पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। विकास दर में सुस्ती के लिए बार-बार रिजर्व बैंक पर लगने वालों आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए डॉ. सुब्बाराव ने कहा कि अर्थव्यवस्था में कमजोरी रिजर्व बैंक की नीतियों के चलते नहीं आई है बल्कि इसके लिए सरकार की नीतियों में खामियां और आपूर्ति में बाधाएं जिम्मेदार हैं। सुब्बाराव ने कहा कि रिजर्व बैंक की...
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गवर्नेस की हिलती बुनियाद- अजय सिंह
आजादी के ठीक बाद लगभग 400 आइसीएस अधिकारियों की जमात देशभर में थी. राजनीतिक तबके में इन अफसरों के खिलाफ जबरदस्त रोष था. परंतु संविधान की कुछ धाराओं की वजह से उन पर कार्रवाई नहीं हो सकती थी. सरदार पटेल ने इन अधिकारियों को सुरक्षा और सम्मान की गारंटी दी थी. अनंतसायनाम अयंगर, जो बाद में लोकसभा स्पीकर भी बने, ने पटेल के आश्वासन पर अपनी असहमति जतायी. वजह साफ...
More »अधिकारी भी मानते हैं आधे से ज्यादा अफसर हैं भ्रष्टाचार में लिप्त: शोध
सागर (मप्र)। देश में यह मानने वालों की तादाद में दिनों-दिन इजाफा होता दिख रहा है कि भ्रष्टाचार व्यवस्था की रग-रग में समा गया है, यहां तक कि इस व्यवस्था को चलाने वाले अधिकारी भी यह मानने लगे हैं कि देश के प्रशानिक ढांचे के आधे से ज्यादा अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। यह खुलासा उन सवालों के जवाबों से हुआ है, जो मप्र के डा. हरिसिंह गौर केन््रदीय विश्वविद्यालय के...
More »बदलते बिहार में मिड-डे मील- अश्विनी कुमार
मिड-डे मील से बच्चों की मौत ने न केवल देश की अंतरआत्मा को झकझोरा है, बल्कि बिहार में सुशासन व चमत्कारिक विकास की कमजोर नींव को भी उजागर किया है. पहले बगहा में 6 थारू आदिवासियों की पुलिस फायरिंग में मौत, फिर बोधगया आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन में नौकरशाही के सहारे शासन चलाने के आरोप से बचने के लिए संभवत: सबसे कठिन हालात का...
More »अब वार्ड सदस्य को भी चाहिए योजनाओं के कमीशन में हिस्सा : दयामनी
हमारे गांवों का कितना विकास हुआ है. क्या चुनौतियां हैं. विकास के मौजूदा मॉडल से आप कितनी सहमत हैं? मौजूदा विकास को दो-तीन तरह से देखना होगा. पहले समझना होगा कि विकास का मतलब क्या है. किस तरह का विकास होना है और किसका विकास होना है. आज सरकार की नजर में विकास का जो पैमाना है, जिसे मेनस्ट्रीम सोसाइटी विकास मानती है, और जो विकास हो रहा है क्या कल...
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