SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2103

‘चालू खाता घाटा, विश्व स्तर पर बढ़ती खाद्य कमी’- मोदी सरकार ने रबी फसलों के लिए क्यों बढ़ाया MSP

दिप्रिंट, 19 अक्टूबर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को रबी सीजन की कई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला किया और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादकों को प्रोत्साहित कर तेजी से बढ़ते देश के चालू खाता घाटे (सीएडी) में कमी लाना है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दी. मसूर के...

More »

कश्मीर के झरनों का महत्त्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता

मोंगाबे हिंदी, 17 अक्टूबर नूरा, कश्मीर में श्रीनगर के बुर्जमा क्षेत्र में स्थित एक स्थानीय झरने ‘अस्तन नाग’ के पास घूम रही हैं। वह कुछ देर रुकती हैं और झरने की ओर जाने लगती हैं। यह उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। अंजुली भर पानी पीते हुए वह कहती हैं, “इस झरने के पाक (साफ़) होने के बारे में बताने के लिए इसका नाम ही काफी है। अस्तन का मतलब तीर्थ, और...

More »

आवास और आजीविका के विस्थापन के ख़िलाफ़ जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन

जनचौक,07 सितम्बर, बुलडोजर राज बंद करो”, “शहरी गरीबों को अधिकार देना होगा”, “बिना पुनर्वास विस्थापन बंद करो”, “जिस जमीन पर बसे हैं, जो ज़मीन सरकारी है, वो ज़मीन हमारी है!” जैसे नारों के साथ कल सैकड़ों छतविहीन, आश्रयहीन, निर्वासित लोग बुलडोजर राज के ख़िलाफ़ जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए। क्या विडंबना है कि आज जब हम समाज के संपन्न लोग देश की कथित आज़ादी के 75वें साल पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं,...

More »

दिल्ली सहित कई शहरों में आवास और आजीविका के विस्थापन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

~ प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली, 6 सितंबर, 2022: आज जब हम 76वें स्वतंत्रता दिवस और आज़ादी का अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, उसी समय झुग्गियों, बस्ती कॉलोनियों में रहने वाले और असंगठित क्षेत्र के हजारों श्रमिकों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया है, जिन्हें बिना किसी पुनर्वास के अपनी आजीविका से वंचित भी कर दिया गया है, वे "बुलडोजर राज" के खिलाफ़ जंतर-मंतर पर अपनी आवाज उठाने के...

More »

क्या शिमला की कहानी खत्म हो गई है? बेंगलुरू जैसा जाम, पानी की किल्लत, ढहती इमारतें और उमड़ती भीड़

दिप्रिंट, 06 सितम्बर मनोज कुमार काम पर जाने के लिए तैयार ही हो रहे थे कि तभी उनके घर की घंटी बजी. और बस उसके कुछ पलों बाद उनका जीवन हमेशा के लिए बदल गया. दरवाजे के दूसरी तरफ पुलिस थी. बमुश्किल कुछ ही मिनट बीते होंगे, शिमला के 48 साल के इस दुकानदार ने अपना घर खो दिया और खुद को अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सड़क के किनारे एक...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close