बिहार में शुगर और हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हैरानी की बात है कि ये दोनों बीमारियां राज्य के गंवई इलाकों में भी तेजी से पसर रही हैं. औसतन गांव और शहरों में यह बीमारी हर साल दस फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है. 15 ऐसे जिले हैं, जहां के ग्रामीण इलाकों में शुगर की बीमारी 20 फीसदी या उससे अधिक रफ्तार से बढ़...
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एंटीबायोटिक का दुरुपयोग खतरनाक
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट ने दिल्ली की दुकानों से लिये गये चिकेन के 70 नमूनों पर शोध में 40 फीसदी चिकेन में एंटीबायोटिक दवाइयां पायी हैं. इन नमूनों के 22.9 फीसदी में एक एंटीबायोटिक और 17.1 फीसदी में एक से अधिक एंटीबायोटिक मिले हैं. हालांकि इन दवाइयों की मात्रा बहुत अधिक नहीं है, पर इस शोध से दो खतरनाक संकेत मिलते हैं. एक, एंटीबायोटिक मिले मांस के निरंतर सेवन...
More »खून के लिए आदिवासी कर रहे 100 किमी का सफर
मो. इस्राइल/ बिलासपुर(निप्र)। मरवाही, गौरेला, पेंड्रा, अमरकंटक समेत आसपास के आदिवासियों को बीमारी में खून की जरूरत होने पर 100 किलोमीटर का सफर कर सिम्स या फिर जिला अस्पताल आना पड़ रहा है। जबकि ब्लड स्टोरेज के लिए लाखों रुपए खर्च कर फ्रिजर आदि का इंतजाम किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण गरीब खून के लिए भटक रहे हैं। जिले के तीन अनुसूचित जाति बाहुल्य विकासखंड मरवाही, गौरेला...
More »समग्र स्वास्थ्य नीति के आधार- रितुप्रिया
जनसत्ता 17 जून, 2014 : दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट गहरा रहा है। पिछले डेढ़ सौ सालों में बनीं यूरोप और उत्तरी अमेरिका की सेवाएं उनके लिए भी अत्यधिक महंगी और एकांगी साबित हो रही हैं। मकिंजी कंपनी ने अनुमान लगाया था कि अगर स्वास्थ्य-सेवाओं पर खर्च ऐसे ही बढ़ता रहा तो 2100 में अमेरिका को अपनी सकल आय का सत्तानबे फीसद और यूरोप को साठ फीसद स्वास्थ्य...
More »'कोख का किराया' मिलेंगे कम से कम सवा दो लाख
नई दिल्ली। सरकारी स्तर पर सरोगेट मदर्स के स्वास्थ्य को लेकर दिशा-निर्देश तो हैं, लेकिन उनके आर्थिक हितों को लेकर कोई नियम नहीं हैं। ऐसे में इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉक्टर व वकीलों के एक संगठन ने पहल की है। उन्होंने तय किया कि सरोगेट मदर्स को किसी भी हाल में सवा दो लाख रुपये से कम नहीं मिलेंगे। डॉक्टरों व वकीलों के संगठन इंस्टर (इंडियन सोसाइटी फॉर थर्ड पार्टी असिस्टेड रिप्रोडक्शन) ने...
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