सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत प्रगति की मशाल थामने और दुनिया के विकास में मुख्य भागीदार बनने को तैयार है। अगले दशक में सकल आर्थिक विकास की दृष्टि से भारत लगभग चीन जितनी और अमेरिका से लगभग दोगुनी भागीदारी करने वाला है। भारतीयों के लिए भारत में तैयार उत्पाद और सेवाओं का उपयोग पूरी विकासशील दुनिया में किया जाने वाला है। इसलिए भारत का किफायती विकास मॉडल न सिर्फ मात्रात्मक...
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अनभिज्ञ हैं, तो हम हैं न!
वित्त मंत्रालय ने लोगों को वित्तीय साक्षर बनाने के लिए आइटीआइ के सहयोग से कौशल विकास केंद्र का संचालन शुरू किया है. इन केंद्रों पर लोगों को आसान भाषा और विषयों के जरिये वित्तीय शिक्षा दी जा रही है, ताकि कोई वित्तीय ठगी अथवा धोखाधड़ी का शिकार न हो पाये. अब यदि किसी के सामने वित्तीय समस्या पैदा हो रही है, तो सोचने की जरूरत नहीं. वह इन केंद्रों...
More »आम आदमी को नहीं मिली राहत----भरत झुनझुनवाला
एनडीए सरकार का दूसरा वर्ष समाप्त होने को है। यूं तो सरकार की दिशा निर्धारित हो चुकी है। फिर भी नये वर्ष में दिशा परिवर्तन की जरूरत दिखाई पड़ती है। एनडीए के पहले कार्यकाल का विवेचन करने के पहले वर्तमान चुनौती कुछ स्पष्ट हो जाती है। वाजपेयी सरकार ने कम से कम चार महान उपलब्धियां हासिल की थीं। भारत को परमाणु शक्ति बनाया था, कारगिल युद्ध को जीता था, इनफारमेशन...
More »तेज इकोनॉमिक ग्रोथ का फॉर्मूला- भरत झुनझुनवाला
बाजार में मंदी का वातावरण है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के सीमेंट विक्रेता ने बताया कि उसकी बिक्री 40 प्रतिशत कम हुई है. सूरत के टैक्सी वाले के ग्राहकों में कमी आयी है. अब उसकी टैक्सी माह में 6-7 दिन ही चलती है. बाकी खड़ी रहती है, चूंकि बाहर के व्यापारी कम ही आ रहे है. बाजार में मांग के दो स्रोत हैं- घरेलू एवं विदेशी. लेकिन इस समय दोनों...
More »मुद्रा बैंक :समग्र विकास का अंग--- अविनाश राय
हमारे देश में लाखों करोड़ों ऐसे सामान्य नागरिक हैं जो छोटे-छोटे कारोबार और उद्योग चलाते हैं परन्तु वे अक्सर औपचारिक और संगठनात्मक ऋण व्यवस्था के दायरे से बाहर ही रहते हैं, जबकि समग्र अर्थव्यवस्था में सामूहिक रूप में उनका सहयोग बहुत विशाल हो जाता है। यह मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का। इस संदेश के माध्यम से उन्होंने उन छोटे-छोटे व्यवसाय, दुकान चलाने वालों और यहां तक कि रेहड़ी-पटरी...
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