पनारी गांव के परशुराम बैगा को 4 साल पहले तेज रफ़्तार ट्रक ने मार डाला था, अब उसके आठ साल के बेटे और पत्नी शांति को भूख मार रही है. पति के मरने के बाद जंगल विभाग ने जबरिया उसकी छोटी-सी जोत की जमीन पर बबूल के कांटे छिड़क उसे बंजर कर दिया. वहीं शांति के खिलाफ वन अधिनियम की धारा 5/16 के तहत जंगल की जमीन पर जबरिया कब्जे का...
More »SEARCH RESULT
भेंटवार्ता जोन पी मेंशे से- वकार अहमद सईद
नृत्त्वशास्त्र की अध्येता जॉन पी मेंशे से की गई यह भेटवार्ता फ्रंटलाइन से साभार ली गई है। प्रोफेसर जोन पी मेंशे नृत्तत्वशास्त्र की अध्येता हैं। उन्होंने बरसों तक सिटी यूनिवर्सिटी ऑव न्यूयार्क के ग्रेजुएट सेंटर और इसी यूनिवर्सिटी के लेहमान कॉलेज में अपने विषय का अध्यापन किया है। प्रोफेसर मोंशे सेकेंड चांस फाऊंडेशन नामक एक नॉट फॉर प्राफिट संस्था की अध्यक्ष भी हैं। यह संस्था भारत और संयुक्त राज्य...
More »समेकित कृषि प्रणाली अपनाएं किसान
पटना सूबे की आबादी बढ़ रही है, पर जमीन का रकबा नहीं बढ़ाया जा सकता है। परिवार बंटने से जमीन की जोत घट रही है। ऐसी स्थिति में कम जमीन में अधिक पैदावार की तकनीक अपनाने की जरूरत है। इसके लिए एक एकड़ में एक परिवार के जीविकोपार्जन के लिए समेकित कृषि प्रणाली का तरीका निकाला गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को किसानों से भरे श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित समारोह में ये...
More »कृषि सुरक्षा पर देवभूमि की सतर्क पहल
देहरादून। अगले पांच वर्ष में राज्य में कृषि विकास दर को चार प्रतिशत करने का लक्ष्य है। मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों के खेतों की उर्वर क्षमता में आ रही गिरावट के कारण लक्ष्य हासिल करने को बागवानी व पशुपालन पर अधिक भरोसा जताया जा रहा है। मिश्रित खेती के साथ ही दलहन व तिलहन पर ज्यादा जोर रहेगा। कृषि विकास के पंचवर्षीय राज्य स्तरीय प्लान का होमवर्क पूरा हो गया...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
More »