ठीक दो हफ्ते बाद नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से अपना तीसरा भाषण देंगे। इस ऐतिहासिक प्राचीर से जब उन्होंने पहला भाषण दिया था 2014 में, तो उनके शासनकाल की शुरुआत का समय था और यह कहना गलत न होगा कि परिवर्तन और विकास के सपने पर हर भारतीय को विश्वास था। कुछ वामपंथी बुद्धिजीवियों को छोड़ कर हम सबको यकीन था कि मोदी भारत को बदल कर दिखाएंगे।...
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राज्य के पास दूध, अंडा, मांस व ऊन उत्पादन का ब्योरा नहीं
पटना : राज्य में एक साल से मांस, अंडा, दूध और ऊन के उत्पादन में विकास या कमी का कोई ब्योरा नहीं है. देश के स्तर पर सभी राज्यों को तीन माह में एक बार प्रति व्यक्ति मांस, अंडा, दूध और ऊन का उत्पादन ओर खपत का ब्योरा केंद्र सरकार को देना होता है. इस ब्योरा के आधार पर राज्य सरकार भी पशुधन के विकास की योजना तैयार करती...
More »चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन जरूरी--- शरत कुमार
हम सौभाग्यशाली हैं कि देश की चुनाव प्रक्रिया ही कार्यकारी राजनीतिक शक्ति का एक मात्र मार्ग है. हाल के साफ-सुथरे चुनावी परिणाम इसका सबूत हैं. हालांकि, चुनावी-प्रक्रिया में अनेक सुधारों के बावजूद आज भी आम जनता की राय में चुनावी प्रक्रिया देश की मूल खराबियों का मुख्य कारण है, जैसे कि सरकारी खजाने की चोरी, कालेधन की अपार महत्ता आदि. इन सब से जनता का चुनावी पद्धति और व्यवस्था में...
More »रामवृक्ष को आरटीआई के तहत चाहिए थी राष्ट्रपति के आईडी की प्रति
मथुरा के जवाहर बाग पर कब्जा जमा कर बैठने वाले रामवृक्ष यादव का न केवल अजीबोगरीब एजेंडा था बल्कि वह सूचना के अधिकार केतहत भी अजीबोगरीब जानकारी भी हासिल करना चाहता था। ऐसी ही एक जानकारी उसने मांगी थी कि क्या भारत के प्रथम नागरिक(राष्ट्रपति) को कोई पहचान पत्र(आईडी) जारी किया जाता है। रामवृक्ष यादव ने आईडी की सत्यापित प्रति सहित अन्य दस्तावेज मुहैया कराने की गुहार की थी। गत...
More »देश के हाईकोर्ट में इंसाफ की कछुआ चाल !
क्या कभी आपने दिल में यह ख्याल आया कि आजाद हिन्दुस्तान के किसी हाईकोर्ट में सबसे ज्यादा दिनों से चल रहा मुकदमा कौन सा है ? अगर आप सोचते हैं कि 2014 में अपनी सुनवाई के 20 साल पूरा करने वाला अपहरण और हत्या से संबंधित मुकदमा जिसमें पंजाब के पूर्व डीजीपी एस एस सैनी समेत तीन अन्य पुलिस अधिकारी अभियुक्त हैं आजाद भारत का सबसे लंबा चला मुकदमा हैं तो एक बार...
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