आखिर कोई कितना इंतजार करता! देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं.' मगर, आजादी से लेकर कृषि को इंतजार करते-करते अब सात दशक होने जा रहे हैं. वह अब भी भगवान भरोसे है. इंद्रदेव नाराज, तो सूखे की त्रासदी और खुश तो बहुत बड़े इलाके में बाढ़ की तबाही. जिनके बरदाश्त करने की हद चुक जाती है, वे इस...
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नीतीश ने PM मोदी से कहा, विशेष राज्य का दर्जा दें, खत्म करें राज्यपाल का पद
नयी दिल्ली : शनिवार को 10 साल के अंतराल में आयोजित अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के सामाजिक और आर्थिक हालात को देखते हुए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. उन्होंने पूरे देश में शराबबंदी लागू करने की भी मांग की. साथ ही नीतीश ने राज्यपाल का पद समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि वर्तमान संघीय गणतांत्रिक परिवेश में इस...
More »तीन लाख हेक्टेयर फसल पर बारिश की मार
भोपाल। प्रदेश में करीब 10 दिनों में हुई तेज बारिश से जनजीवन के साथ ही फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। प्रारंभिक सर्वे में तीन लाख हेक्टेयर खरीफ फसल (सोयाबीन, उड़द, मूंग आदि) प्रभावित हुई है। वहीं, 27 जिलों में 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में बोई गई फसल खराब हो गई। यहां दोबारा बोवनी करनी होगी। अतिवर्षा से फसलों के नुकसान का सर्वे कृषि विभाग...
More »सरकारी पोटली खुलते ही बढ़ने लगा दलहन का रकबा
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली दलहन फसलों के लिए सरकार ने समर्थन मूल्य की पोटली खोली तो किसानों ने भी दिल खोलकर दालों की खेती करनी शुरू कर दी है। खरीफ बुवाई का ताजा आंकड़ा तो कुछ यही बयां कर रहा है। किसानों का कहना है कि दलहन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार घरेलू किसानों पर भरोसा करे तो उसे विलायती दाल मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दलहन फसलों की...
More »कृषि ऋण की राह में मुश्किलें-- विभाष
बैंकों से किसानों को मिलनेवाले कृषि ऋण को लेकर कई भ्रांतियां हैं. बड़ी शिकायत यह रहती है कि ढेर सारे दस्तावेज बैंक में जमा करने पड़ते हैं. एक सेमिनार में एक बड़े उद्योगपति ने यह बात सबके सामने रखी. मैंने प्रतिकार किया कि कोई भी ऋण बिना न्यूनतम दस्तावेज के नहीं दिया जा सकता. कृषि ऋण के दस्तावेजों को सरल और मानक बनाने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ने वर्ष...
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