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बिहार के विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के भविष्य से क्यों किया जा रहा है खिलवाड़?

पिछले महीने की 22 तारीख़ को ओडिशा में आयोजित कार्यक्रम में एक सार्वजनिक मंच से ओडिशा का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था, ‘मुझे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि ओडिशा के विश्वविद्यालय बिहार के विश्वविद्यालयों से बेहतर कर रहे हैं. बिहार में शिक्षा व्यवस्था में माफिया राज है. परीक्षाएं उचित तरीके से नहीं होती हैं और अकादमिक कैलेंडर भी नहीं...

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बिहार के विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के भविष्य से क्यों किया जा रहा है खिलवाड़?

पिछले महीने की 22 तारीख़ को ओडिशा में आयोजित कार्यक्रम में एक सार्वजनिक मंच से ओडिशा का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था, ‘मुझे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि ओडिशा के विश्वविद्यालय बिहार के विश्वविद्यालयों से बेहतर कर रहे हैं. बिहार में शिक्षा व्यवस्था में माफिया राज है. परीक्षाएं उचित तरीके से नहीं होती हैं और अकादमिक कैलेंडर भी नहीं...

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शिक्षा की चिंताजनक स्थिति-- आशुतोष चतुर्वेदी

किसी भी देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति उस देश की शिक्षा पर निर्भर करती है. शिक्षित समाज ही आगे बढ़ता है. अच्छी शिक्षा के बगैर बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती. अगर देश की शिक्षा नीति अच्छी है, तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता. अगर शिक्षा नीति अच्छी नहीं होगी, तो विकास की दौड़ में वह देश पीछे...

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तेरह राज्यों के 75 फीसद परिवारों ने कहा - 'भ्रष्टाचार बढ़ा है' !

अगर जानना चाहते हों कि ‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा' का वादा किस मुकाम तक पहुंचा है तो फिर सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) की एक नई रिपोर्ट आपके बड़े काम की साबित हो सकती है. भ्रष्टाचार-मुक्त पारदर्शी शासन देने के वादे से बनी मोदी सरकार अपने शासन के चार साल पूरे कर रही है और सीएमएस की रिपोर्ट के तथ्य उसके लिए बुरी खबर लेकर आये हैं.   रिपोर्ट के मुताबिक देश के...

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ग्राम स्वराज पर पुनः चिंतन-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर

वर्तमान सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए एक नया प्रयास किया था. सांसदों को एक-एक गांव गोद लेने की सलाह दी गयी थी. उनसे कहा गया था कि इस गांव को विकास का प्रतिमान बनाया जाये. लेकिन, आखिरकार यह भी जुमला ही प्रतीत हो रहा है. पिछली सरकार के समय राष्ट्रपति कलाम साहब ने भी एक सपना देखा था कि ग्रामीण इलाकों में शहरों की सुविधाएं दी जाएं. लेकिन...

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