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‘मन की बात’ करने वाले ‘मनरेगा’ की बात क्यों करने लगे?

-न्यूजलॉन्ड्री, बात मनरेगा के बहाने सामाजिक सुरक्षा की, आखिर क्यों पूरी दुनिया में धुर पूंजीवाद की वकालत करने वाले शासक भी संकट के समय साम्यवादी हो जाते हैं. 20 लाख करोड़ के विशेष पैकेज के तहत एक बड़ा हिस्सा (40,000 करोड़ रुपए) वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने मनरेगा योजना में खर्च करने की घोषणा की है. यह हिस्सा केद्रीय बजट में घोषित मनरेगा फंड के अतिरिक्त होगा. खुद को बड़े गर्व से सोशली...

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कोविड-19: लॉकडाउन ने बिगाड़ी ग्रामीण भारत की दशा

-डाउन टू अर्थ, एक महीना पहले तक धनीराम साहू को नहीं पता था कि वायरस या सोशल डिस्टेंसिंग किस बला का नाम है। साहू छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के शंकरदह में रहते हैं। वह कहते हैं, “अब हर कोई कोरोनावायरस और इससे खुद को महफूज रखने की बात करता दिख रहा है।” दुनियाभर के तमाम विज्ञानियों और एपिडेमियोलॉजिस्ट की तरह साहू को भी इस वायरस के बारे में बहुत जानकारी नहीं...

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कोरोना: लॉकडाउन में मनरेगा योजना बन गई है मज़दूरों की लाइफ़लाइन

-बीबीसी,  छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी रोज़गार गारंटी योजना में पूरे देश में सबसे अधिक मज़दूरों को काम देने का दावा किया है. भारत सरकार के शनिवार तक के आंकड़ों के अनुसार ई-मस्टर रोल में दर्ज संभावित कार्यशील मज़दूरों की संख्या छत्तीसगढ़ में 23,26,252 है. मज़दूरों की यह संख्या पूरे देश में सबसे अधिक है. इसके अलावा पिछले 9 दिनों में ही छत्तीसगढ़ ने 1 करोड़ 89 लाख मानव दिवस का रिकार्ड...

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घर लौटा प्रवासी मजदूर इज्ज़त के साथ अपने गांव में कैसे टिके और परिवार पाले? कुछ कारगर सुझाव

-जनपथ, हम घर जाना चाहते हैं ! प्रवासी मजदूर आज जहां कहीं भी हैं, ज्यादातर की मांग यही है। सवाल है कि उनके घर में स्थितियां कैसी हैं? अपने घर लौटकर आत्मसम्मान और गरिमा के साथ जीने के लिए उन्हें क्या करना होगा? झारखंड सरकार की घोषणा के अनुसार लॉकडाउन हटने पर कम से कम पांच लाख झारखंडी प्रवासी मजदूर देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घर लौटेंगे। आश्वासन दिया गया है कि...

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लॉकडाउन में मनरेगा में काम शुरू, मगर अभी भी मुश्किलें तमाम

-गांव कनेक्शन,  लॉकडाउन में मनरेगा में काम शुरू हो चुका है। सरकार ने ऐसे संकट के समय में ग्रामीण भारत के मजदूरों को 20 अप्रैल से मनरेगा में काम देने की मंजूरी देकर इनकी जिंदगी पटरी पर लाने की कोशिश की है, मगर एक हफ्ते बाद भी बड़ी संख्या में मजदूर काम मिलने की आस लगाये बैठे हैं। "कुछ जगह काम चल रहा है, मगर हमारे यहाँ अभी भी काम शुरू नहीं...

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