निश्चित ही कानून की नजर में सभी व्यक्ति समान हैं, लेकिन कानून तक सब लोगों की पहुंच एक-सी नहीं होती. अगर कोई व्यक्ति या समूह सामाजिक रूप से कमजोर है, तो उसके इंसाफ पाने की संभावना क्षीण हो जाती है. करीब 25 साल पहले इसी सोच से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम नामक कानून बना था. जातिगत उत्पीड़न का संज्ञान लेने और पीड़ित के प्रति पर्याप्त...
More »SEARCH RESULT
जेलों पर बढ़ते बोझ के मायने-- पंकज चतुर्वेदी
इरफान फरवरी 2007 में समझौता एक्सप्रेस से दिल्ली आया था, वापसी में उसमें बम फटा और उसका पूरा सामना जल गया। पुलिस ने उसे अस्पताल से उठाया व बगैर पासपोर्ट के भारत में रहने के आरोप में अदालत में खड़ा कर दिया। उसे चार साल की सजा हुई। तब से वह जेल में है यानी आठ साल से। वहां मिली यातना व तनहाई से वह पागल हो गया। पाकिस्तान में...
More »सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज
नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...
More »सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज
नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...
More »किशोर अपराध और लाचार कानून-- सतीश सिंह
बीते सालों में नाबालिगों द्वारा बलात्कार के मामलों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। नाबालिगों द्वारा सामूहिक बलात्कार करने के मामले भी प्रकाश में आ रहे हैं। कुछ समय पहले दिल्ली में पैरा मेडिकल की छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार में भी एक किशोर की संलिप्तता थी। अब दिल्ली में किशोरों ने ढाई साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के...
More »