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सारण में घट रहा महिला लिंगानुपात

छपरा : सरकार आधी आबादी को समान अधिकार एवं उनकी सामाजिक पकड़ मजबूत बनाने के लिए तरह-तरह का प्रोत्साहन देने वाली योजनाएं चला रही है. बावजूद हमारे समाज में अभी भी कन्याओं के प्रति रवैया नकारात्मक है. इसका ताजा उदाहरण भारत सरकार द्वारा करायी गयी. जनगणना 2011 के औपबंधिक आंकड़े से सामने आया है. इन आंकड़ों के अनुसार पूर्व की जनगणना 2001 में वर्ष 1991 से 2001 के बीच जिले...

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महापरीक्षा का रिजल्ट आया, 19 लाख हुए पास

पटना. बुनियादी साक्षरता महापरीक्षा का रिजल्ट तैयार हो गया है। बिहार सरकार के जनशिक्षा निदेशालय ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) को रिजल्ट दे दिया है। अब एनआईओएस पास करने वालों को प्रमाण पत्र निर्गत करेगा। यह तीसरी कक्षा उत्तीर्ण करने का होगा। परीक्षा में 19 लाख 49 हजार 199 नव साक्षर सफल घोषित किए गए हैं जबकि 80 हजार परीक्षार्थियों के रिजल्ट पेंडिंग हैं। परीक्षा में 22 लाख 59 हजार...

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महिला साक्षरता में पिछड़े, कहां गए 7,600 करोड़

जयपुर. राजस्थान में पिछले दस साल में साक्षरता बढ़ाने के नाम पर भारी भरकम खर्च करने के बावजूद महिला साक्षरता केवल पौने नौ फीसदी बढ़ सकी। यह देश में सबसे कम है, जबकि बिहार, झारखंड जैसे पिछड़े माने जाने वाले राज्यों में यहां की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा साक्षरता बढ़ी है। राज्य में जनगणना के नतीजों ने कागजी दावों की पोल खोल दी है। वर्ष 2002-03 से 2010 तक बालिकाओं...

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राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी

सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...

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महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत

नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...

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