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शराबबंदी- क्‍या केरल-बिहार को मिलेगी सफलता? -

देशी-विदेशी पर्यटकों के बीच अपनी कुदरती खूबसूरती के लिए मशहूर केरल पूर्ण शराबबंदी की राह पर चल पड़ा है। अगस्त 2014 में केरल सरकार ने पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी थी, जिसे बार और होटल मालिकों ने चुनौती दी थी। लेकिन पिछले साल के आखिरी दिनों में सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी पर केरल सरकार के फैसले को बहाल रखा और अब वहां सिर्फ पांच सितारा होटलों में ही शराब...

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आधी-आबादी : इंसाफ का इंतजार-- अवनीश सिंह भदौरिया

दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की शिकार निर्भया के मामले में अपराधियों को कमोबेश सजा मिल भी गई, लेकिन इस तरह के तमाम मामलों में आज भी इंसाफ का इंतजार है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लड़कियों की सुरक्षा के जितने भी प्रबंध हैं, वे नाकाफी हैं। लड़कियों, महिलाओं और बच्चियों के लिए दिल्ली या दूसरे राज्य कितने सुरक्षित हैं, इसके जीते जागते उदाहरण प्रतिदिन अखबारों और टीवी चैनलों पर पढ़ने-देखने को...

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ताकि बदले औरतों का हाल-- मरियाना बाबर

साउथ एशिया वुमैन'स नेटवर्क (स्वान) दक्षिण एशिया के नौ देशों की विदुषियों, महिला सांसदों, नेत्रियों, विशेषज्ञों और महिला कार्यकर्ताओं का एक संगठन है। ये नौ देश हैं-अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका। यह संगठन मुख्यतः पर्यावरण, कला और साहित्य, शांति, स्वास्थ्य, पोषण और खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, शिल्प और वस्त्र, वित्त, आजीविका और उद्यम विकास तथा मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर अपना ध्यान केंद्रित करता है।...

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कराहते करघे अब करुण कहानी भर हैं-- अमितांशु पाठक

अभी कुछ ही दिन हुए, जब वाराणसी में फाकेहाली से हताश एक बुनकर दंपति ने अपनी तीन बच्चियों की हत्या कर दी। पर विदर्भ के किसानों की आत्महत्या की तरह बनारस के बुनकरों की आर्थिक तंगी, बेकारी, गरीबी और कुपोषण को मीडिया में सुर्खियां नहीं मिल सकीं। इसलिए दुनिया भर में फैले बनारसी साड़ियों के शौकीन नहीं जानते कि यहां अनेक बुनकर परिवारों को दो जून का भरपेट भोजन और...

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मनरेगा में पैसा खर्च करना सचमुच फिजूल की बात है?- ज्यां द्रेज

कॉरपोरेट प्रायोजित मीडिया की ओर से बनाई गई धारणा के उलट महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से अहम नतीजे मिले हैं। अगर मीडिया की कुछ रिपोर्टों पर ग़ौर करें तो लगेगा कि मनरेगा के तहत शुरू हुए सार्वजनिक काम पूरी तरह बेकार हैं। हाल में एक संपादकीय में कहा गया, "देश के ज्यादातर हिस्सों में इसका (मनरेगा) मतलब बेमकसद गड्ढे खोदना और उन्हें भरना है।" इस बयान के...

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