नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का एक वर्ष पूरा होने को है, लेकिन अर्थव्यवस्था पूर्ववत शिथिल पड़ी हुई है। दुकानदारों की मानें तो बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट आई है। प्रॉपर्टी डीलरों के अनुसार मोदी सरकार के आने के बाद दाम तीस प्रतिशत टूटे हैं। आश्चर्य है। आश्चर्य का कारण यह है कि शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार में निश्चित रूप से कमी आई है। स्पेक्ट्रम तथा कोयले...
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कैसे आत्मनिर्भर होंगे ऊर्जा क्षेत्र में- अनुराग दीक्षित
ऊर्जा की उपलब्धता किसी भी मुल्क के विकास के लिए अहम है, लेकिन संसाधनों के सीमित होने के कारण ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल पूरी दुनिया में आज एक बड़ी चुनौती है। भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में तो यह मामला कहीं ज्यादा गंभीर है। अनुमान है कि वर्ष 2035 तक ऊर्जा की मांग के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश होगा! इन्हीं बातों को ध्यान में...
More »ग्रामोद्योग की फिक्र किसे है- अरुण तिवारी
निवेश और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न शुल्क और मंजूरियों में छूट से लेकर तकनीकी उन्नयन और इ-बिज पोर्टल जैसी तमाम घोषणाएं बजट में है। मंजूरियों में छूट को लेकर एक विधेयक लाने की तैयारी का संकेत भी कर दिया गया है। कहना न होगा कि वित्तमंत्री ने उद्योगों की तो खूब चिंता की, परग्रामोद्योगों को अब भी प्रतीक्षा है कि कोई आए और अलग से उनकी चिंता...
More »‘मेक इन इंडिया’ से ज्यादा जरूरी है मेक फॉर इंडिया
उद्योग जगत और बाजार को बजट से अनेक अपेक्षाएं हैं. आर्थिक सुधारों को तेज करने, देश के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ाने और निवेश में वृद्धि के सरकार के वादों और इरादों की प्रस्तुति बजट में हो सकती है. सरकार के सामने अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करने, रोजगार बढ़ाने और व्यापार घाटा कम करने की चुनौतियां हैं. सरकार द्वारा अब तक उठाये गये कदमों और संभावित तथा वांछित पहलों पर जानकारों की...
More »फिर से भारत उदय- सुनील भारती मित्तल
भारत में उम्मीद की एक ताजा हवा बह रही है। नई सरकार, जिसे देश ने निर्णायक जनादेश दिया, तेजी से देश के विकास एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। पिछले बारह महीनों में घटनाक्रम में जो बदलाव आया है, उसने राष्ट्रीय मानस का निर्माण किया है। जो वैश्विक निवेशक पहले भारत के बारे में सवाल उठा रहे थे, वे अब देश में विकास संभावनाओं में सुधार की बातें कर रहे...
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