जलवायु परिवर्तन का खतरा बढ़ता जा रहा है। लांसेट जर्नल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार सन 2000 से 2017 के बीच में विश्व में करीब 15.70 करोड़ अतिरिक्त लोग भयंकर गर्मी के कारण जोखिम के दायरे में आ गए। यह आंकड़ा 2016 की तुलना में भी 1.8 करोड़ ज्यादा है। बढ़ती गर्मी से इन लोगों के स्वास्थ्य, रहन-सहन एवं कामकाज के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा हुई। रिपोर्ट में कहा गया...
More »SEARCH RESULT
मलेरिया के मामलों में आयी कमी, लेकिन बड़ी चुनौतियां बरकरार
पूर्व एशिया सम्मेलन 2015 में प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2030 तक भारत मलेरिया उन्मूलन के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है. इसी संकल्प के साथ बीते वर्ष मलेरिया मुक्ति के लिए व्यापक राष्ट्रीय सामरिक योजना शुरू की गयी. सार्वजनिक स्वास्थ्य की तमाम चुनौतियों बावजूद इस दिशा में किये जा रहे प्रयास सफल होते नजर आ रहे हैं. हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी विश्व मलेरिया रिपोर्ट-2018 के अनुसार, भारत...
More »5 में से 3 नवजातों को जन्म के समय नहीं मिल पाता मां का दूध
यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि करीब 7.8 करोड़ यानी पांच में से तीन नवजातों को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान नसीब नहीं हो पाता। इससे उनके बचने और शारीरिक व मानसिक विकास की संभावनाएं कम हो जाती हैं। विश्व स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त) के पहले जारी रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से अधिकांश नवजातों का जन्म...
More »बाढ़ का गणित : 64 सालों में कब कितना हुआ नुकसान, पढ़े इस न्यूज एलर्ट में
क्या आप जानना चाहते हैं कि बाढ़ या भारी बारिश के कारण देश में हर साल कितने लोगों की जान जाती है, कितने मवेशी मौत का शिकार होते हैं, कितने मोल की फसल मारी जाती है और देश को हर साल कितनी संपत्ति का नुकसान होता है ? आपके इन सवालों के जवाब छुपे हैं केंद्रीय जल आयोग के नये आंकड़ों में. बीते 64 सालों में बाढ़ और भारी बारिश से होने वाले...
More »'बीते एक साल में 20 लोगों की भुखमरी से मौत, सभी वंचित तबके के'-- रोजी रोटी अधिकार अभियान
उत्तर कर्नाटक के नारायण, झारखंड के रूपलाल मरांडी, बरेली की सफीना अशफाक और ओड़ीशा के कुंदरु नाग के बीच क्या समानता हो सकती है ? शायद, कोई नहीं- सिवाय इसके कि ये सभी समाज के वंचित वर्ग के हैं और इन सबकी मौत पिछले एक साल के दौरान भुखमरी के कारण हुई तथा इन सभी को एक ना एक कारण से पीडीएस से अनाज नहीं मिल सका.(पिछले एक साल के...
More »