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राजद्रोह कानून की समीक्षा कर रहा है विधि आयोग

नई दिल्‍ली (माला दीक्षित)। एक तरफ राज्य की सुरक्षा और सम्मान तथा दूसरी ओर दुरुपयोग की आशंकाओं के बीच उलझे राजद्रोह कानून की समीक्षा हो रही है। विधि आयोग भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 124ए में दिये गये राजद्रोह कानून की समीक्षा कर रहा है। आयोग इसके प्रभाव, दायरे और उद्देश्य, के साथ दुरुपयोग के पहलुओं को भी परखेगा। हालांकि राजद्रोह कानून पर आयोग की अलग से रिपोर्ट आने की...

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घटी है संसद की शान-- विश्वनाथ सचदेव

आपने भी देखा होगा समाचार चैनलों पर वह दृश्य, जिसमें त्रिपुरा विधानसभा का एक विधायक स्पीकर का राजदंड लेकर इधर-उधर भाग रहा है और कुछ लोग, शायद सदन के सुरक्षा कर्मचारी, उसके पीछे भाग रहे हैं. सुना है, विधायक इस बात से नाराज था कि स्पीकर ने उसे सदन में कोई मुद्दा उठाने नहीं दिया. जब मैं यह दृश्य देख रहा था, तो मुझे लग रहा था कि विधायक हमारे...

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ऑल-राउंडर थे चो रामास्वामी -- राजदीप सरदेसाई

तमिल पत्रिका ‘तुगलक' की शुरुआत करनेवाले और उसके संपादक रहे मशहूर पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक ‘चो रामास्वामी' (श्रीनिवास अय्यर रामास्वामी) का कल सुबह चेन्नई के अस्पताल में निधन पत्रकारिता जैसे जिम्मेवार जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है. जाहिर है, इस दौर में इस नुकसान की भरपाई बहुत मुश्किल है. चो रामास्वामी की शख्सीयत सिर्फ एक पत्रकार या संपादक तक सीमित नहीं थी, बल्कि बहुमुखी प्रतिभा के स्तर पर उनके...

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राजद्रोह का चना जोरगरम-- चंदन श्रीवास्तव

फिल्म प्यासा का गीत है- ‘सर जो तेरा चकराये या दिल डूबा जाये', एक जगह तनिक छेड़ के साथ पात्र कहता है कि ‘लाख दुखों की एक दवा है क्यों ना आजमाये.' ऐसी दवा साहित्य के पन्नों में मिला करती है, लेकिन लगता है अब राजनीति ने भी यह दवा खोज निकाली है. सार्वजनिक महत्व के मसले पर राजनीतिक असहमति से उपजनेवाले तमाम दुख-दर्दों से छुटकारे की इस दवा का...

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राजद्रोह के मामले बिहार और झारखंड में सबसे ज्यादा-- एनसीआरबी की नई रिपोर्ट

  अलगाववादी रुझान वाले पूर्वोत्तर या जम्मू-कश्मीर में नहीं बल्कि बिहार और झारखंड में राजद्रोह की सबसे ज्यादा घटनाएं प्रकाश में आयी हैं. नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) विगत दो वर्षों से राजद्रोह के मामलों के बारे में आंकड़े प्रकाशित कर रहा है और ये आंकड़े बताते हैं कि अन्य राज्यों की तुलना में 2015 में राजद्रोह के सर्वाधिक घटनाएं बिहार में प्रकाश में आईं जबकि झारखंड 2014 में राजद्रोह की घटनाओं...

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