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क्या मनरेगा के लिए आंवटित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित होगा ?

साल 2020 की शुरुआत में सामाजिक कार्यकर्ताओं और संबंधित अर्थशास्त्रियों ने साल 2020-21 के लिए गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की. लेकिन 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत केवल Rs.61,500 करोड़ आवंटित किए. जोकि 2019-20 में मनरेगा पर खर्च किए गए फंड की तुलना...

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लॉकडाउन में सेक्स वर्कर: ‘काम नहीं, पुलिस के कारण कोई मदद भी नहीं’

-द क्विंट, देश की राजधानी दिल्ली के जीबी रोड इलाके में बड़ी तादाद में महिला सेक्स वर्कर्स रहती हैं. कोरोना वायरस और उसके बाद लगे लॉकडाउन की वजह से उन पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है. जीबी रोड के इलाके में करीब 3000 सेक्स वर्कर्स रहती हैं. इनके पास रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है. क्विंट ने इनमें से कुछ सेक्स वर्कर्स से बात की और उनका हाल-चाल जाना. सुधा...

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लॉकडाउन ने हाशिए पर रह रहे लोगों को बिल्कुल साधनहीन बना दिया है

हाल ही में किया गया सर्वेक्षण COVID-19 लॉकडाउन की घोषणा के लगभग 45 दिनों के बाद श्रमिकों की अनिश्चित स्थितियों का खुलासा करता है. इस सर्वे में दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान और झारखंड राज्यों के 1,405 प्रवासियों से टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम से बातचीत कर अनिश्चित स्थितियों का आकलन किया गया था.  ‘लेबरिंग लाइव्स: हंगर, प्रीकरिटी एंड डेसपेयर एमिड लॉकडाउन’ नामक इस रिपोर्ट में लॉकडाउन के 45 दिन...

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33 लाख साल में तुलना में 2025 तक बहुत अधिक होगा कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर

-डाउन टू अर्थ, कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान दुनिया भर में सीओ2 के उत्सर्जन में कमी आने का दावा किया गया। इस दौरान दुनिया भर में ऊर्जा की मांग में व्यापक बदलाव हुआ। कई अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बंद हो गईं और लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों तक सीमित हो गए। जिससे यातायात कम हो गया, उद्योग धंधों पर भी इसका प्रभाव पड़ा, जिससे खपत पैटर्न में भी बदलाव आया। लेकिन यह एक...

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लॉकडाउन के तीन महीनों में हिमाचल के 250 लोगों ने की आत्महत्या, रोजाना 3 लोग खत्म कर रहे अपनी जीवनलीला

-जनज्वार, हिमाचल प्रदेश में आत्महत्याओं के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। राजधानी शिमला में पूर्व महिला पार्षद के एक बीस वर्षीय बेटे अंशुल कश्यप ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के पीछे क्या वजह रही, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसी तरह ऊना के गांव लोअर देहलां के वार्ड 7 निवासी शेर सिंह ने भी फंदा लगाकर आत्महत्या की है। खबरों...

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