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राजनीतिक चंदे में गोरखधंधे को रोकें - ए. सूर्यप्रकाश

कई साल पहले सजग नागरिकों ने बाहुबल और धनबल के रूप में उन दो दुष्टों की पहचान की थी, जो हमारे लोकतंत्र को कलंकित कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग की लगातार कोशिशों, सुरक्षा बलों की बड़े स्तर पर तैनाती और लंबी चलने वाली चुनाव प्रक्रिया को बधाई देनी चाहिए जिनसे पहले दुष्ट यानी बाहुबल पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। लेकिन धनबल की समस्या अभी तक चुनावी...

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बाबा साहेब का सपना - सतीश देशपांडे

हमारे समय की विडंबना है कि एक युग-व्यापी समाज चिंतक की भूमिका में डॉ बाबा साहेब आंबेडकर के ‘अच्छे दिन' अब आते लग रहे हैं। उनके एक सौ चौबीसवें जन्मदिन के अवसर पर हम उनकी बढ़ती प्रासंगिकता में यह सांत्वना ढूंढ़ सकते हैं कि हमारे पश्चिम-परस्त, ब्राह्मणवादी बुद्धिजीवी जगत में देर है अंधेर नहीं। आधी सदी की ‘रुकावट' के लिए खेद है, मगर देर-सवेर डॉक्टर साहेब को अपना मुनासिब स्थान...

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दूसरे राज्यों में न्यायिक सेवा में आरक्षण, तो बिहार में क्यों नहीं : नीतीश

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में बिहार में न्यायिक सेवा में आरक्षण का मुद्दा उठाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अवर न्यायपालिका में पिछड़े वर्गो को आरक्षण देने के लिए सकारात्मक कदम उठाये हैं, लेकिन हाइकोर्ट ने इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी है. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में अवर न्यायपालिका में...

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भूमि-अधिग्रहण पर महाभारत- दिनेश त्रिवेदी

वर्ष 1989 में जब वीपी सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा सरकार सत्ता में आई थी तो उससे काफी उम्मीदें थीं। सरकार से आम लोगों की बहुत सारी अपेक्षाएं जुडी थीं। सामान्य धारणा यही थी कि वह लंबे अरसे तक सत्ता में बनी रहेगी, लेकिन यह सपना एक वर्ष में ही बिखरने लगा। मंडल आयोग का मुद्दा राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के लिए वाटरलू साबित हुआ और अंतत: सरकार धराशायी हो...

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विकास का नया भारतीय मॉडल - वीएन कौल

इस बात का अपने आपमें एक प्रतीकात्मक महत्व था कि नीति आयोग 1 जनवरी 2015 को अस्तित्व में आया। यह नए साल में नई सरकार के नए दृष्टिकोण को दर्शाने वाला कदम था। नीति आयोग ने जिस योजना आयोग की जगह ली, उसका मूल विचार प्रो. मेघनाद साहा के दिमाग की उपज था, जिन्होंने वर्ष 1938 में समाजवादी शैली में संचालित होने वाली एक राष्ट्रीय योजना समिति की परिकल्पना की...

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