मोंगाबे हिंदी, 19 दिसंबर पश्चिमी हिमालय के ग्लेशियर, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लिए पानी के स्रोत हैं। शोधकर्ताओं ने विभिन्न अध्ययनों में पाया है कि, ब्लैक कार्बन और ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने के कारण ये जल-स्रोत तेजी से पिघल रहे हैं, जिसकी वजह से बर्फ से ढके इस इलाके की सफेदी कम हो रही है। हाल के एक अध्ययन में, उपग्रह से मिले डेटा का उपयोग करके लद्दाख क्षेत्र के द्रास...
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जलवायु परिवर्तन और शिकार की वजह से खत्म हो रहे सिक्किम के तीस्ता नदी के मेढ़क
मोंगाबे हिंदी, 23 नवम्बर जलवायु परिवर्तन की मार अब मेढकों पर भी। हाल ही में आए शोध से पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वजह से तीस्ता नदी के आसपास पाए जाने वाले मेढक खत्म हो रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत की जीवन रेखा मानी जाने वाली तीस्ता नदी समुद्र तल से 7,096 मीटर ऊपर स्थित हिमालय के पाहुनरी ग्लेशियर से निकलती है। तीस्ता भारत के सिक्किम राज्य में...
More »दुनिया भर में खाद्य संकट से निपटने तथा बढ़ती कीमतों पर इस तरह लगाई जा सकती है लगाम: अध्ययन
डाउन टू अर्थ, 23 नवम्बर वैश्विक खाद्य प्रणाली ने हाल के वर्षों में कई अभूतपूर्व खतरों और आपूर्ति की रुकावटों का सामना किया है, जिसमें कोविड-19, टिड्डियों का आक्रमण और चरम मौसम की घटनाएं शामिल हैं। कोविड-19 से पहले ही खाद्य प्रणाली दबाव में है और खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है, रूस-यूक्रेन युद्ध ने एक और झटका दिया, जिसके कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छूने लगी। अब शोधकर्ताओं के खाद्य संकट...
More »मधुमक्खियों पर दिखने लगा वायु प्रदूषण का असर, खेती पर भी आएगा संकट
मोंगाबे हिंदी, 17 नवम्बर वायु प्रदूषण को लेकर देश के कुछ महानगर और औद्योगिक शहरों की चर्चा होती है, जहां प्रदूषण का स्तर मानक से काफी अधिक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रदूषण के मानक से कम प्रदूषित इलाकों में भी वायु प्रदूषण का खतरनाक असर देखा जा रहा है? वैज्ञानिकों के हालिया शोध में सामने आया है कि अपेक्षाकृत कम प्रदूषित शहरों में यह असर मधुमक्खियों पर दिख...
More »कॉप 27: दुनिया को 2040 तक शून्य फीसदी प्लास्टिक कचरे के लक्ष्य की है जरूरत
डाउन टू अर्थ, 11 नवम्बर प्लास्टिक उत्पादन और उसके बाद इससे होने वाला प्रदूषण जलवायु में बदलाव और जैव विविधता के नुकसान के लिए जिम्मेवार है। प्लास्टिक इस सप्ताह मिस्र में कॉप 27 में मुख्य चर्चा का विषय रहा। प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए अपनी आगामी वैश्विक संधि में संयुक्त राष्ट्र से 2040 तक एक साहसिक संकल्प करने और नए प्लास्टिक प्रदूषण को शून्य पर लाने का लक्ष्य निर्धारित करने...
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