बैंकों के जरिये "राजनीति" करना कोई मोदी सरकार से सीखे। पहले हर घर में एक बैंक खाता और उसके बाद छोटे उद्यमियों को कर्ज देने की स्कीम लागू करने के बाद बैंकों के माध्यम से सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ी मुहिम शुरू करने जा रही है। देश में महिला उद्यमियों की संख्या काफी कम होने और देश के कुल कर्जदारों में महिलाओं की बेहद कम संख्या को देखते...
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फसल का नहीं खेती का बीमा हो!-- बिभाष
खेती की जब बात आती है, तो सभी आकाश की ओर ताकते हैं. अगर माॅनसून का समय और उसकी मात्रा उचित या पर्याप्त नहीं है, तो राजनीति की गति और दिशा दोनों बदल जाती है. बजट से लेकर बाजार तक सब आकाश ही निहारते हैं. कृषि में जोखिम प्रबंध बहुत ही कमजोर है. हरित क्रांति का चाहे जिस तरह से विश्लेषण या आलोचना करें, लेकिन उसने हमारी कृषि को तात्कालिक...
More »सब्सिडी : कल्याण या राजनीति? मुफ्तखोरी के दुष्चक्र में फंसता देश
ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...
More »सीताफल के पल्प से मिठाई, छिलके से खाद और बीज से बनेगा शैंपू
धार। ब्यूरो। कृषि विज्ञान केंद्र आदिवासी अंचल के लोगों को सीताफल के उत्पादन के मामले में उद्योग से जोड़ने की कोशिश में है। सीताफल का जब अधिक उत्पादन होता है तो वह औने-पौने दाम में बिक जाता है। ऐसे में अब शहरों में आईसक्रीम, सीताफल शेक और कई मिठाइयों के लिए उसका पल्प तैयार करने की इकाई स्थापित करवाई जाएगी। इतना ही नहीं सीताफल के छिलके को खाद के तौर पर...
More »लकड़ी नहीं, गैस चूल्हा पर बनेगा मिड डे मील
पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में अब लकड़ी के चुल्हों में नहीं, बल्कि गैस में बने मध्याह्न भोजन बच्चों को मिलेंगे. इसके लिए सभी स्कूलों में गैस कनेक्शन लिये जायेंगे. साथ ही जीविका व स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी इससे जोड़ा जायेगा. इसके अलावा अगर किसी दिन बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं दिये जाते हैं तो उस दिन का राशि उनके खाते में दी जा सकती...
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