SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 440

हिंदी दिवस: भाषा, शब्द और साम्राज्यवाद

-न्यूजलॉन्ड्री, 15वीं सदी का आख़िरी दशक ख़त्म होने को था. विश्व के महासागर एक ऐसी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो रहे थे जो इससे पूर्व कभी नहीं देखी गयी थी. चप्पू से चलने वाले जहाज़ों की अपनी सीमाएं थीं. उनसे छिछली तटरेखा के इलाक़ों में तो परिवहन हो सकता था लेकिन समुद्र की अपार नीली जल-राशि में घुसने के लिए साहस के अलावा उन हवाओं का भी ज्ञान ज़रूरी था जो...

More »

कोरोना के कारण गरीबी के चरम स्तर पर पहुंच सकती हैं दुनिया की 4.7 करोड़ महिलाएं: यूएन

-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 वैश्विक महामारी और उसके बाद बने सामाजिक और आर्थिक हालात के कारण 2021 तक लगभग 4 करोड़ 70 लाख महिलाएं गरीबी के चरम स्तर का सामना कर सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की संस्था यूएन वूमेन और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा कराए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। कोविड-19 से पहले वर्ष 2019 से 2021 के बीच महिलाओं में गरीबी दर 2.7 फीसदी घटने...

More »

ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू करने के लिए सरकारी कर्मचारी कहां हैं?

केंद्र सरकार द्वारा हर साल अपने वार्षिक बजट में ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों के लिए भारी रकम आवंटित की जाती है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में अधिकारी नहीं होते हैं, तो क्या अधिकारियों की कमी के चलते सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू किया जा सकता है? यदि हम इस मुद्दे के बारे में गहराई से सोचें तो हमें जवाब तो आसानी से मिल...

More »

मातृ मृत्यु के SDG-3 लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें दक्षिणी राज्यों से सीखने की आवश्यकता है

मातृ मृत्यु अनुपात पर जारी नए विशेष बुलेटिन से पता चलता है कि साल 2014-16 में भारत का मातृ मृत्यु अनुपात (MMRatio) 130 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म था जोकि साल 2015-17 में घटकर 122 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म हो गया, और यह साल 2016-18 के दौरान घटकर 113 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म रह गया है. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के अनुसार, मातृ...

More »

क्या मनरेगा के लिए आंवटित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित होगा ?

साल 2020 की शुरुआत में सामाजिक कार्यकर्ताओं और संबंधित अर्थशास्त्रियों ने साल 2020-21 के लिए गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की. लेकिन 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत केवल Rs.61,500 करोड़ आवंटित किए. जोकि 2019-20 में मनरेगा पर खर्च किए गए फंड की तुलना...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close