मनोज श्रीवास्तव, भिंड। देश को आजादी मिले 67 साल बीत गए, लेकिन भिंड में कई ऐसे गांव हैं, जहां अब भी पक्की सड़कें नहीं हैं। अगर इन गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे इलाज के लिए शहर ले जाना मुश्किल होता है। आजादी के बाद पहली बार जिले के ऐसे 56 गांवों में पक्की सड़क बनेंगी। पीएमजीएसवाय (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) से इन गांवों में 67.81 करोड़ रुपए...
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दो अतियों के बीच स्वास्थ्य सेवा- अतुल गवांडे
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर अतुल गवांडे, जो एक सर्जन होने के साथ-साथ लेखक, विचारक और राजनीतिक विश्लेषक भी हैं, ने बीबीसी रीथ लेक्चर्स के तहत 2014 में चिकित्सा का भविष्य पर चार भाषण दिये. आज हम चौथा लेक्चर प्रकाशित कर रहे हैं, जो उन्होंने दिल्ली में दिया. इसका विषय था-‘द आइडिया ऑफ वेलबीइंग' (अच्छी सेहत की परिकल्पना). इसमें उन्होंने बताया कि एक तरफ लोगों की चिकित्सा तक...
More »सालभर मिलने वाले भुट्टों के लिए प्रसिद्ध हुआ छत्तीसगढ़ का गांव
अनंगपाल दीक्षित, अंबिकापुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ में कटनी-गुमला नेशनल हाइवे क्रमांक 43 पर स्थित सरगुजा जिले का सिलसिला गांव को यहां के मेहनतकश किसानों ने वर्ष भर स्वादिष्ट भुट्टे के लिए प्रसिद्घ कर दिया है। इस मार्ग पर आने-जाने वाले हर वाहन का पहिया सिलसिला में थम जाता हैं हर कोई यहां के किसानों की मेहनत से पैदा किए गए भुट्टे का स्वाद लेने लालायित रहता है। हर रोज इस छोटे से...
More »छह नई तकनीकों से नहीं पड़ेगा जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव
एक्सक्लूसिव, रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए छह नई तकनीक ईजाद की है। कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि यदि इन तकनीकों का सही तरीके से इस्तेमाल किए जाए तो छत्तीसगढ़ में जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। इनमें भाटा (बंजर) भूमि विकास तकनीक, वर्षा जल संरक्षण के लिए डबरी तकनीक, उन्नत खुर्रा बोनी तकनीक, एकीकृत कृषि पद्धति तकनीक, सूखा रोधी...
More »खेत के बीच में चिता सजायी, लेटा और आग लगा ली
लगातार मौसम की मार ङोल रहे महाराष्ट्र के एक किसान ने शुक्रवार की रात आत्महत्या कर ली. उसने तुअर के खेत के बीच में अपनी चिता सजायी, उस पर लेट गया और खुद से आग लगा कर अपने जीवन का अंत कर लिया. घटना पश्चिमी विदर्भ के अकोला जिले के मनारखेड गांव की है. 76 साल के हताश और निराश किसान काशीराम इनडोरे को फसल चौपट होने के कारण यह...
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