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जानिए पेरू का ये छोटा सा किसान क्यों लड़ रहा है बिजली कंपनी से कानूनी लड़ाई?

जर्मनी में जहां बॉन में जलवायु सम्मेलन में मंत्रियों के उच्चस्तरीय बैठक की तैयारी हो रही है, डेढ़ सौ किलोमीटर दूर हाम शहर के हाईकोर्ट ने जर्मन ऊर्जा कंपनी RWE के खिलाफ पेरू के एक किसान के हर्जाने के मुकदमे की सुनवाई का फैसला किया है. किसान साउल लुसियानो ने अपने घर पर बाढ़ के खतरे के लिए बिजली कंपनी को दोषी ठहराया है. उन्हें मुकदमा लड़ने के लिए जर्मन...

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विकल्प के अभाव में जल रही पराली - कैप्‍टन अमरिंदर सिंह

इन दिनों उत्तर भारत के कुछ इलाकों में पसरा खतरनाक स्मॉग चर्चा के केंद्र में है। सियासी घमासान में किसानों द्वारा पराली जलाने का मुद्दा भी छाया हुआ है, मगर अफसोस कि इस पर हंगामे और तल्ख बयानबाजी के बीच इससे जुड़े असल मुद्दों की अनदेखी की जा रही है। स्मॉग की वजह से बदतर होते हालात के लिए भले ही पराली जलाने को कसूरवार ठहराया जा रहा हो, लेकिन...

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जाति जनगणना का क्या हुआ --- दिलीप मंडल

जातिवार जनगणना की मृत्यु हो चुकी है और बिना किसी रुदाली के उसे दफना भी दिया गया है। इसकी कब्र पर अब रोने वाला भी कोई नहीं है। यह सब बेहद चुपचाप हुआ। 2017 के जुलाई महीने की छब्बीस तारीख को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। समिति की इस बैठक में फैसला किया गया कि सामाजिक-आर्थिक और...

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RBI का बड़ा फैसला, देश में नहीं है इस्लामिक बैंकिंग की जरूरत

नई दिल्ली। एक बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में इस्लामी बैंकिंग की शुरूआत करने वाले प्रस्ताव पर हामी नहीं भरी है। एक आरटीआई के जवाब में केंद्रीय बैंक ने कहा कि सभी नागरिकों तक बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं पहुंचाने के "व्यापक और समान अवसर" पर विचार करने के बाद ही यह निर्णय लिया गया है। आरटीआई में दिए गए जवाब में कहा गया, "इस्लामिक या शरिया...

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शेल कंपनी कथा दूसरी कड़ी : काले धन के खिलाफ जंग राजधर्म है-- हरिवंश

राजनीति विचारधारा या भावना से चलती है और अर्थनीति शुद्ध स्वार्थ की नीितयों से. पिछले 60-70 वर्षों में एक तरफ राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग की बात भारत में बार-बार हुई, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट ताकतों ने आर्थिक नियमों, कंपनी कानूनों को ऐसा बनाया कि भ्रष्टाचार की जड़ें लगातार मजबूत होती गयीं. शेल कंपनियां ऐसे ही कंपनी कानूनों की उपज हैं, पर आश्चर्य यह है कि 60-70 वर्षों...

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