2009 में जब विश्व आर्थिक मंदी की आग में जल रहा था और इसकी तपिश भारत में भी महसूस की जा रही थी, तब भारत ने तीन किस्तों में करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया था. हम सरकारी अनुदान हड़पने में किसानों और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को दोषी ठहराते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उद्योग और व्यवसाय जगत इनसे कई...
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व्यर्थ सभी प्रयास, कैसे बुझे प्यास
आगरा। बचपन में पढ़ी कहानी में कौए का जतन कर प्यास बुझाना तब परिश्रम का रोचक सबक था तो आज लाखों परिवारों की मजबूरी। ज्यों-ज्यों आबादी बढ़ी त्यों-त्यों घटे जल संसाधन। आज स्थिति विकराल हो गई। कहानी के हीरों की तरह पानी के लिए भटकने से दिन की शुरुआत करने को बाध्य हैं लाखों परिवार। यह हाल है आगरा मंडल के चार जिलों के साथ-साथ अलीगढ़ मंडल के एटा और काशीराम नगर का। भीषण गर्मी...
More »दिल्ली के पब्लिक स्कूलों में पढ़ेंगे 40 फीसदी गरीब
नई दिल्ली [विभूति कुमार रस्तोगी]। शिक्षा अधिकार कानून [आरटीई एक्ट] लागू होने के बाद राजधानी दिल्ली के सभी पब्लिक स्कूलों को दाखिले में गरीब और वंचित बच्चों के लिए 25 फीसदी का अतिरिक्त कोटा रखना पड़ेगा। ऐसा हाल ही में लागू किए गए शिक्षा के अधिकार कानून के चलते हुआ है। दरअसल शिक्षा के अधिकार कानून में 6 से 14 साल तक के बच्चों को घर के पास स्थित सरकारी और निजी स्कूलों में पूरी तरह...
More »धरती कहे पुकार के
ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...
More »खुले में ही गेहूं भंडारण को एफसीआई मजबूर
जागरण ब्यूरो [नई दिल्ली]। भारतीय खाद्य निगम [एफसीआई] ने मान लिया है कि चालू रबी सीजन में खरीदे जा रहे गेहूं के लिए गोदाम उपलब्ध नहीं होंगे। उसके पास सिर्फ 46 लाख टन अनाज के भंडारण के लिए गोदाम हैं, जबकि चालू सीजन में 262 लाख टन गेहूं की खरीद होनी है। यानी गेहूं का भंडारण खुले में ही जैसे-तैसे किया जा सकता है। पंजाब और हरियाणा में अभी भी 67 लाख टन अनाज...
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