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किसानों की आय बढ़ाने के लिए धान की फसल के हर हिस्से की मूल्यवृद्धि की ज़रूरत: स्वामीनाथन

नई दिल्ली: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अन्य उपायों के अलावा धान की फसल के हर हिस्से, डंठल से लेकर दाने तक का मूल्यवर्द्धन करने और इसके लिए जैव-पार्क स्थापित किए जाने की जरूरत है. डॉ स्वामीनाथन को उम्मीद है कि इस बार के आम बजट में सरकार इस दिशा में कुछ नई पहल कर सकती है. स्वामीनाथन ने आम बजट के...

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17 ओबीसी जातियों को एससी सूची में शामिल करने का योगी सरकार का आदेश असंवैधानिक: केंद्र

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह 17 अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को अनुसूचित जाति (एससी) का प्रमाणपत्र जारी करना बंद कर दे. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने राज्यसभा में कहा कि राज्य सरकार का कदम उचित नहीं है और असंवैधानिक है. संसद के उच्च सदन में गहलोत ने कहा, ‘ओबीसी जातियों को एससी सूची...

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महाराष्ट्र: प्रतिबंधित जीएम बीज बोने पर 12 किसानों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

अकोला: प्रतिबंधित हर्बिसाइड-टॉलेरंट बीटी (एचटीबीटी) कपास के बीज की बुआई के आरोप में महाराष्ट्र के अकोला जिले के करीब12 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बुधवार को इस बारे में बताया. आनुवांशिक रूप से संवर्द्धित (जेनेटिकली मोडिफाइड) बीटी (बेसिलस थूरिंगिएनसिस) कपास और बैंगन के बीज के इस्तेमाल पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ शेतकारी संगठन द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के तहत अडगांव और अकोली जहांगीर गांवों...

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दूषित पेयजल: बिहार, बंगाल और यूपी आर्सेनिक मिले पेयजल से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य

जल-संसाधन मंत्रालय की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक देश की सघन आबादी वाले आठ राज्यों में भूमिगत जल विषैले रसायन आर्सेनिक से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. रिपोर्ट में असम, बिहार, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, उत्तरप्रदेश तथा पश्चिम बंगाल के आर्सेनिक प्रभावित इलाकों पर विशेष चर्चा की गई है.   कुएं तथा चापाकल से लिए गये पानी के नमूने में आर्सेनिक की 0.01 से 0.05 मिलीग्राम प्रतिलीटर सांद्रता के आधार पर रिपोर्ट में देश के...

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गरीबी का वायरस और चमकी बुखार- विनोद बंधु

बिहार के तिरहुत प्रमंडल में पांच साल बाद एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार का प्रेत फिर से जाग उठा है। बीते एक पखवाडे़ में इससे सवा सौ से अधिक बच्चों की सांसें थम चुकी हैं। करीब चार सौ बच्चे अस्पतालों में भर्ती कराए गए। मरीजों का आना अब भी जारी है। हर रोज बच्चों की जान जा रही है। इस इलाके के बच्चों और उनके अभिभावकों की आस...

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