अनाज इतना है कि सरकारी गोदामों में उन्हें संभाल पाना मुश्किल हो रहा है और सरकार के पास धन की ऐसी कमी है कि वह खर्च कम करके संयम बरतने की सलाह दे रही है। फिर भी, विश्वबैंक की सलाह को अपने सर माथे चढ़ाकर सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) के जरिए अनाज बांटना बंद करना और लोगों को इसकी जगह कैश-ट्रांसफर के जरिए नकदी देना चाहती है। देश के विभिन्न भागों में होने वाले सर्वेक्षण, मौका...
More »SEARCH RESULT
कार्टून विवाद के सबक- सुनील
जनसत्ता 30 मई, 2012: एनसीइआरटी की ग्यारहवीं कक्षा की एक पाठ्यपुस्तक के जिस कार्टून पर विवाद खड़ा हुआ, बात महज उस कार्टून तक रहती तो समझ में आती। लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने एक झटके में सारे कार्टून हटाने की घोषणा कर दी। छह साल पहले बड़ी मेहनत से तैयार कक्षा नौ से बारह तक की राजनीति शास्त्र की सारी पाठ्यपुस्तकों को वापस लेने का एलान कर दिया। बाकी समाज...
More »HIV+ लड़की के मुंह से आ रहा खून, पर नहीं मिल रहा इलाज
रोहतक. हाईकोर्ट के सख्त आदेशों के बावजूद 'अपना घर' की बीमार व लाचार लड़कियों को पीजीआई प्रशासन उपचार के नाम पर केवल तारीख पर तारीख दे रहा है। सोमवार को भिवानी से रोहतक लाई गई लड़कियों को एक बार फिर जांच के बाद वापस भिवानी भेज दिया गया। तर्क दिया कि अब पुलिस ही लड़कियों को लेकर आए, तभी उपचार शुरू होगा। इससे पहले सोमवार सुबह करीब नौ बजे एचआईवी पीड़ित व...
More »नहीं है मजबूत आधार, बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मुश्किल- अमिताभ पराशर की रिपोर्ट
नई दिल्ली/पटना। राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए को समर्थन देने के एवज में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से जुड़ी खबरों का भले ही कोई आधार न हो, लेकिन बिहार के लिए इसकी राह आसान नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को बिहार की वार्षिक योजना राशि पर चर्चा करने के लिए योजना आयोग की बैठक में पहुंच रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार...
More »कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्बन्धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...
More »