SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 929

'अन्ना हमारे नेता हैं. मैं तो बस उन्हें दफ्तरी मदद उपलब्ध करवाता हूं'

अरविंद केजरीवाल से बातचीत का यह अंश तहलका(हिन्दी) से साभार लिया जा रहा है। अरब दुनिया में आई क्रांति की लहर की तरह शुरू हुआ अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अब एक अलग दिशा में जाता दिख रहा है. यह दिशा बिखराव और साख में गिरावट की है. गिरावट कई मोर्चों पर देखने को मिल रही है. पहला मोर्चा तो एकजुटता का ही है. कश्मीर पर प्रशांत भूषण के बयान के बाद...

More »

विकास की छांव को तरसता मुंडा का गांव

सूबे के विकास का नक्शा तैयार कर रहे झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा का अपना गांव बदहाल है.जीएस सिंह के साथ अनुपमा की रिपोर्ट सरायकेला-खरसावां. झारखंड और देश के बाहर इस इलाके की पहचान प्रसिद्ध छउ नृत्य कला के लिए है. यहां के छउ नृत्य गुरु पद्मश्री केदार साहू की ख्याति दुनिया भर में हुई. लेकिन अब सरायकेला-खरसांवा की एक और पहचान भी है. यह राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा...

More »

गुर्जर नेताओं को वार्ता के लिए बुलाएगी सरकार

जयपुर.गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के आंदोलन की चेतावनी के बाद सरकार ने आंदोलन से निबटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बैसला की चेतावनी के बाद मुख्य सचिव एस.अहमद ने मंगलवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा की और गृह, पुलिस और अन्य प्रमुख विभागों के अफसरों की बैठक लेकर गुर्जर नेताओं की मांगों पर अब तक हुई कार्रवाई और शेष बची मांगों पर विचार विमर्श किया। बैठक में मुख्य...

More »

मैंने नहीं कहा अन्ना संसद से ऊपर - अरविन्द केजरीवाल

भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने वाली टीम अन्ना के कुछ सदस्य अब विवादों के घेरे में आने लगे हैं। कहीं उनके अंतर्विरोध उजागर हो रहे हैं, और कहीं उसके सदस्यों पर हमले हो रहे हैं। इन्हीं सब मुद्दों पर टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल से बातचीत की दैनिक हिन्दुस्तान के प्रवीण प्रभाकर ने। प्रस्तुत हैं बातचीत के अंश: आप पर चप्पल फेंकी गई। प्रशांत भूषण पर घूंसे चले। क्यों...

More »

प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी

अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close