भोपाल, 16 जुलाई (एजेंसी)। भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने वादा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राजग की सरकार बनी, तो किसानों को बिना ब्याज कृषि कर्ज दिया जाएगा। गडकरी ने रविवार को यहां जंबूरी मैदान पर मध्यप्रदेश भाजपा की आयोजित ‘अटल किसान महापंचायत’ को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्य जब किसानों को बिना ब्याज के कृषि कर्ज उपलब्ध करा सकते हैं, तो...
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ये है हरियाणा की जमीनी हकीकत, आंकडें बयां कर रहे हैं कहानी
करनाल. लाख कोशिशों के बावजूद हरियाणा में लिंगानुपात सुधर नहीं रहा। देश को आजाद हुए 64 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी यहां लड़कियों की संख्या लड़कों के मुकाबले बहुत कम है। विकसित राज्यों में शुमार होने वाले इस प्रदेश में उन्हें बराबर का महत्व नहीं मिलता जबकि कई क्षेत्रों में वह लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। प्रदेश में 1000 लड़कों पर सिर्फ 877 लड़कियां हैं। झज्जर जिले में तो यह...
More »यहां पहाड़ की तलहटी में मिले दुर्लभ किस्म के औषधीय पौधे- विकास श्रीवास्तव की रिपोर्ट
जमशेदपुर. 193 किलोमीटर क्षेत्र में फैले दलमा प्राकृतिक खूबसूरती के लिए झारखंड समेत पूरे देश भर में मशहूर है। यहां जंगली जीव-जंतु के साथ अनेक दुर्लभ किस्म के औषधीय पौधे मौजूद हैं। यह मनुष्य और पशु-पक्षियों के भोजन व स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी है। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के द्वारा पौधों को संरक्षित करने के साथ पैदावार बढ़ाने की दिशा में लगातार...
More »‘‘अविरल धारा के नाम पर धर्माचार्य गंगा को शौचालय बनाये रखना चाहते हैं’
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग के अध्यापक और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख रह चुके वीरभद्र मिश्र देश-दुनिया में प्रमुख गंगासेवी के रूप में जाने जाते हैं. गंगा की सफाई के लिए किए गए कार्यों से प्रभावित हो कर साल 2009 में अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने इन्हें “हीरो ऑफ द प्लैनेट” घोषित किया. वर्तमान में वीरभद्र चौधरी तुलसीदास द्वारा स्थापित संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी...
More »सहजीवन का नीड़- प्रियंका दुबे( तहलका)
ध्य प्रदेश के ग्वालियर में बना विवेकानंद नीड़म बताता है कि जीवन और प्रकृति के बीच सामंजस्य कितना सुंदर हो सकता है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उम्मीद का रंग शायद हरा होता होगा. सूखती नदियों और लगातार दूषित हो रहे पर्यावरण की चिंताओं वाले दौर में विवेकानंद नीड़म को देखकर पहला ख्याल यही आता है. चंबल के सूखे बीहड़ों में बने इस हरे भरे 'आश्रम' को सहजीवन की उस धारणा...
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