पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने से एक दिन पहले राहुल गांधी तड़के ही भट्टा पारसौल पहुंच गए थे। उसी दिन उनकी गिरफ्तारी होने तक वे उन लोगों के बीच थे, जो एक तरफ पुलिस व सैन्य बल और दूसरी तरफ भूमि हस्तांतरण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के बीच हो रहे संघर्ष में पिस रहे थे। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसमें कुछ भी...
More »SEARCH RESULT
प्राइवेट स्कूल शिक्षकों के लिए भी जरूरी हुआ टीईटी
अब निजी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनना आसान न रहा। पैरवी या रिश्तेदारी नहीं चलेगी। शिक्षक बनने की हसरत रखने वालों को राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करनी होगी। मानव संसाधन विकास विभाग ने छह से चौदह वर्ष के बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम तथा एनसीटीई के निर्देश के आलोक में तैयार नियमावली में इस नई व्यवस्था को स्पष्ट कर दिया है। नियमावली में निजी...
More »मानवाधिकार संगठन की नई रिपोर्ट - किसान-आत्महत्या के कुछ अनदेखे पहलू
क्या सरकारी प्रयासों के बावजूद किसानों की आत्महत्या के ना थमने वाले सिलसिले का एक पहलू दलित और महिला अधिकारों की अनदेखी से भी जुड़ता है। सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् एंड ग्लोबल जस्टिस(सीएचआरजीजे) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो- हां। सीएचआरजीजे और द इंटरनेशनल ह्यूमन राइटस् क्लीनिक की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि खेतिहर संकट से जूझ रहे भारत में किसानों की आत्महत्या की...
More »गरीबों का इलाज आसान- कैबिनेट ने दी नयी योजना को मंजूरी
पटना : कैबिनेट ने मंगलवार को बीपीएल परिवारों को सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए नयी योजना को मंजूरी दी. इसकी खास बात यह है कि सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधा व दवाएं उपलब्ध नहीं रहने पर ये सुविधाएं बाहर से उपलब्ध करायी जायेंगी. इस पर आनेवाला खर्च रोगी कल्याण समिति वहन करेगी. इस पैसे की कटौती संबंधित मरीज की बीमा राशि से की जायेगी. बीपीएल परिवार के...
More »8वीं के बाद लड़कियों को स्कूल नहीं भेजते गांव वाले
कालका. कालका दून क्षेत्र का खोल फतेह सिंह गांव ऐसा गांव है, जहां के ग्रामीण बेटियों को 8वीं के बाद स्कूल भेजते ही नहीं। खोल फतेह सिंह गांव की सभी लड़कियां आठवीं के बाद स्कूल नहीं गईं। कुछ युवा 8वीं से आगे पढ़े ही नहीं हैं। खोल फतेह सिंह गांव के गिनती के मात्र 25 बच्चे लगभग सात किलोमीटर दूर पैदल जंगल के रास्ते से नानकपुर गांव में पढ़ने जाते हैं।...
More »