SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1370

शहरीकरण की विसंगतियां--- रमेश कुमार दूबे

शहरीकरण को लेकर सरकार का नजरिया यह है कि इस पर सियापा करने के बजाय इसे मौके के रूप में देखा जाना चाहिए। उसके मुताबिक शहरों में गरीबी दूर करने की ताकत होती है और हमें इस ताकत को और आगे बढ़ाना चाहिए ताकि आर्थिक समृद्धि का स्वत: प्रसार हो। सुख-सुविधाओं की मौजूदगी के चलते शहर सदा से मनुष्य के आकर्षण के केंद्र रहे हैं। आज की तारीख में तो ये...

More »

अमेरिका ने जताया भारत की विकास दर पर संदेह

वाशिंगटन। भारत की साढ़े सात फीसद आर्थिक विकास दर बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई हो सकती है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों पर यह संदेह जताया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार आर्थिक सुधारों के अपने वादों को पूरा करने की दिशा में धीमी रही है। अलबत्ता, इसमें नौकरशाही और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के क्षेत्र में बाधाओं...

More »

देश को पहले NPA से निपटने की जरूरत : रघुराम राजन

मुंबई: रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने देश को ठोस घरेलू नीतियों तथा सुधारों की राह पर बनाए रखने की जरुरत पर बल देते हुए कहा है कि ऋण की वृद्धि की समीक्षा करने से पहले बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता (ऋण वसूली के संकट) से निपटने की जरुरत है. रिजर्व बैंक द्वारा आज जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) की प्रस्तावना में राजन ने कहा है, ‘‘बैंकिंग क्षेत्र का...

More »

माल देशी, मालिकाना विदेशी --- अनिल रघुराज

इकलौते तथ्य से सत्य नहीं निकल सकता. लेकिन अनेक तथ्यों को साथ मिला कर सत्य की समग्र तसवीर बनायी जा सकती है. मसला है देश के व्यापक आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का. यह मसला केंद्र या राज्य सरकारों के लिए ही नहीं, देश के हर अमीर-गरीब, स्त्री-पुरुष या बच्चे, बूढ़े व नौजवान के लिए बेहद अहम है. आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के इस मसले को सुलझाने के चार...

More »

सब्सिडी : कल्याण या राजनीति? मुफ्तखोरी के दुष्चक्र में फंसता देश

ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close