SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 813

सड़कों पर पलते कल के सपने : हर्ष मंदर

बीसवीं सदी के शुरुआती दशकों में भारत पर राज कर रही औपनिवेशिक ब्रिटिश सरकार ने सबसे पहले यह स्वीकारा था कि अनाथ और निराश्रित बच्चों व किशोरों की देखभाल करना सरकार की कानूनी जिम्मेदारी है। लेकिन भारत को लोकतांत्रिक स्वाधीनता मिलने के छह दशक बीतने के बावजूद इस तरह के बच्चों और किशोरों के हित में अधिक से अधिक यही किया जा सका है कि उन्हें कारागृह जैसी राज्यशासी संस्थाओं में भेज...

More »

लोकपाल विधेयक का आना तय : मुख्य सूचना आयुक्त

चेन्नई : मुख्य सूचना आयुक्त ने आज यहां कहा कि ‘‘लोगों का सरकार पर से भरोसा उठ गया है’’ और लोकपाल विधेयक का आना तय है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि संसद के आगामी बजट सत्र में यह मुद्दा एक बार फ़िर चर्चा में होगा. मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्र ने यहां आरटीआई कानून पर आयोजित एक कार्यशाला में कहा, ‘‘ लोकपाल या जन लोकपाल..बजट सत्र के घोषित होते ही फ़िर से...

More »

...तो छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल में हो जाएगा डॉक्टरों का टोटा

रायपुर।डाक्टरों की कमी से पहले ही जूझ रहे आंबेडकर अस्पताल के 25 संविदा डाक्टरों को एम्स जाने के लिए मेडिकल कालेज डीन ने एनओसी दे दी है। इतने ही नियमित डाक्टरों ने भी राज्य शासन को आवेदन दे रखा है। वे भी एम्स में सेवाएं देने के इच्छुक हैं। अगर इन डाक्टरों में से आधे का भी चयन एम्स में हो जाता है तो छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में डाक्टरों का...

More »

पूर्वोत्तर की बदलेगी तसवीर- मणिशंकर अय्यर

दिल्ली के नए अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल से यह हमारी पहली उड़ान थी। कॉमनवेल्थ खेलों के लिए बनाए गया यह टर्मिनल उसी की तरह बेहद खर्चीला, कल्पनातीत ढंग से नकली और कृत्रिम सजावट के कारण भड़कीला है। टूटे-फूटे टाइल्स, धब्बों से भरी और उखड़ती दीवारें तथा घटिया फर्श को छिपाते वे भद्दे कालीन बदतर कामकाज के ही उदाहरण हैं, जो यात्रियों के रास्ते में उनकी ट्रालियों के साथ खिंचे चले आते हैं।...

More »

प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी

अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close