SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 820

शिक्षा के प्रसार को अपनाना होगा पीपीपी मॉडल : सिब्बल

नई दिल्ली, जासं: केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि शिक्षा के प्रसार के लिए हमें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर काम करना होगा। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सीबीएसई की तर्ज पर उच्च शिक्षा में भी वोकेशनल कोर्स पर ध्यान देना होगा। सिब्बल ने यह बात इग्नू द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ''विश्व शिक्षा शिखर सम्मेलन-2011'' के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि...

More »

गरीबों को दिया जा रहा घटिया चावल: सत्तापक्ष

भोपाल। विधानसभा में भाजपा विधायकों ने राशन की दुकानों से घटिया चावल देने का आरोप लगाया। ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला भाजपा विधायक ठाकुरदास नागवंशी और गिरिजाशंकर शर्मा ने उठाया। उन्होंने कहा कि बीपीएल एवं अंत्योदय कार्डधारकों को अच्छी किस्म के क्रांति चावल की जगह दोयम दर्जे का चावल दिया जा रहा है। जबकि मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) की ओर से राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को अच्छी किस्म का...

More »

शिक्षा ढांचे में सुधार की जरूरत : प्रो. अम‌र्त्य सेन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : देश की शिक्षा में गुणवत्ता का अभाव है। इसमें सुधार की सख्त जरूरत है। चीन, कोरिया, इंग्लैंड की तर्ज पर भारत में भी तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए। रोजगारपरक शिक्षा मिलने से देश के युवा सही दिशा में अग्रसर हो सकेंगे। यह विचार इंडिया हैबिटेट सेंटर में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रो. अम‌र्त्य सेन ने व्यक्त किए। प्रो. सेन को राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय...

More »

जिले के 609 फ्लोराइड युक्त गांवों को बीसलपुर का पानी

  अजमेर. जलदाय विभाग के द्वारा अजमेर जिले में फ्लोराइड नियंत्रण परियोजना के तहत लंबित 1002 में से 609 गांवों को बीसलपुर पेयजल योजना से जोड़ा जा चुका है। इन गांवों में बीसलपुर का पानी मिलने लगा है। इस पर 369.61 करोड़ की लागत आई है। तीन चरणों में पूरी होने वाली यह परियोजना 797.86 करोड़ की है। विभाग के एसई पुष्पेंद्र मेहता के अनुसार परियोजना के द्वितीय चरण तक केकड़ी, सरवाड़, नसीराबाद, भिनाय,...

More »

जमीन का कार्बन हवा में चला गया है

पटना, जागरण ब्यूरो: 'जैविक बिहार' विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बुधवार को नई हरित क्रान्ति की प्रासंगिकता खाद्य सुरक्षा और समेकित विकास के व्यापक संदर्भो में रेखांकित की गयी। वैज्ञानिकों ने मिट्टी की सेहत और संतुलन में कमी, जीवांश खत्म होते जाने, जमीन का कार्बन हवा में चले जाने और अंधाधुंध रसायनों के प्रयोग से मानव जीवन पर बढ़ रहे खतरे को लेकर गहरी चिन्ता जताई। पर्यावरण एक्टिविस्ट वंदना...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close