जनसत्ता 11 अप्रैल, 2014 : संसाधन घोटालों (कोयला, लोहा, गैस, तेल, रेत, जल, जंगल, जमीन) से बोझिल राजनीतिक वातावरण में, देश के शासन का ईमानदारी से संचालन, 2014 के चुनावी घोषणापत्रों की एक प्रमुख थीम है। तीस हजार करोड़ रुपए चुनाव में दांव पर लगाने वाले राजनीतिकों में होड़ है कि अगला ‘नमक का दारोगा’ कौन बनेगा! नमक जैसे सुलभ पदार्थ को औपनिवेशिक लूट का जरिया बनाए जाने की पृष्ठभूमि...
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कृषि मंत्रालय ने रबी फसलों का क्षेत्र मार्च में बढऩे के बजाय घटाया - आर एस राणा
कमाल : जब बुवाई प्रगति पर है तो फरवरी के बाद रकबा कैसे घटेगा उलटा मंत्रालय ने मार्च में रकबा घटाकर आंकड़ों में गड़बड़ी की पुलटा या फिर फरवरी के रकबा में हुई गलती सुधारी मार्च में परिणाम खाद्यान्न का उत्पादन 26.32 करोड़ टन होने की उम्मीद धूमिल पैदावार घटने के आसार से दलहन व खाद्य तेलों में तेजी का रुख यह कमाल कृषि मंत्रालय ही कर सकता है। रबी सीजन की बुवाई प्रगति पर है। फरवरी...
More »फरवरी में खाद्य तेलों का आयात 40% घटा
फरवरी महीने में खाद्य तेलों के आयात में 40 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 5.78 लाख टन का ही हुआ है। चालू तेल वर्ष के पहले चार महीनों (नवंबर-13 से फरवरी-14) के दौरान खाद्य तेलों के आयात में 6 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 34.96 लाख टन का ही हुआ है। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार आयातित खाद्य तेलों के दाम ऊंचे थे, इसके मुकाबले घरेलू बाजार...
More »किसान-उपभोक्ता के बीच उलझी कृषि- डा भरत झुनझुनवाला
बताया गया था कि डब्ल्यूटीओ संधि के लागू होने पर कृषि निर्यात बढ़ेंगे और किसानों के लिए नये मौके खुलेंगे. लेकिन आयातों से किसान घरेलू बाजारों से भी वंचित हो रहे हैं. इसलिए डब्ल्यूटीओ संधि नहीं, बल्कि सरकार की कृषि नीति जिम्मेवार है. आगामी चुनाव में किसानों का वोट हासिल करने को पार्टियों में होड़ लगी हुई है. किसानों को ऋण एवं अन्य सुविधाएं देने का वायदा किया जा रहा है....
More »कृषि नीति और नीयत का संकट- अविनाश पांडेय समर
आंकड़ों की नजर से देखा जाये, तो भारतीय कृषि सहज बोध को धता बतानेवाली अजूबे सी दिखती है. कुछ इस तरह कि भारत की विकास दर के दहाई पार कर देश को अगली विश्व शक्ति बनाने के सपने दिखाने के ठीक बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में आते हुए ध्वस्त हो जाने पर कृषि क्षेत्र में सुधार ने ही संभाला था. और यह भी कि कुल आबादी के करीब 67...
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