मैंने आप्रवासन (इमीग्रेशन) पर छपी एक खबर देखी, जिसके बाद मैं सोचने पर मजबूर हो गया कि सरकार जो कर रही है क्या उस पर उसने सोचा भी है. ‘द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘असम और पश्चिमोत्तर भारत के कुछ हिस्सों पर दूरगामी असर डालनेवाला एक कदम उठाते हुए, केंद्रीय गृह मंत्रालय नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन करेगा, जो धार्मिक उत्पीड़न की वजह से पाकिस्तान और बांग्लादेश से भाग...
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प्रदेश में अब गरीबों के अमृत नमक में भी कटौती
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब परिवारों को रियायती दर पर मिलने वाले अनाज व केरोसीन के बाद अब निःशुल्क नमक पर भी कैंची चला दी है। राज्य के गैर-अनुसूचित विकासखंडों में हर महीने प्रति परिवार अब एक किलोग्राम के हिसाब से नमक दिया जाएगा। जबकि अनुसूचित विकासखंडों में पहले की तरह ही हर महीने प्रति परिवार दो किलो नमक दिया जाएगा। खाद्य विभाग ने इसके लिए छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा...
More »इस गांव में कभी ख़त नहीं आया
736135. ये महज कोई संख्या नहीं बल्कि भारत के सबसे नए गाँव मशालडांगा का पिन कोड है. भारत-बांग्लादेश ज़मीन समझौते के तहत इसी हफ़्ते पश्चिम बंगाल के कूच बिहार ज़िले का मशालडांगा गाँव भारत का हिस्सा बना है. देश की आज़ादी के बाद अब पहली बार इस बस्ती में डाक आएगी. विभाजन के समय कूचबिहार ज़िले और इससे सटे बांग्लादेश के तीन ज़िलों में कई ऐसे इलाक़े रह गए थे, जो थे तो...
More »राजनीतिक दलों की भी हो जवाबदेही- देवेन्द्र सिंह अस्वाल
सांविधानिक और वैधानिक व्यवस्था से क्या राजनीतिक दल परे हैं या उन्हें भी उसी सांविधानिक या कानूनी व्यवस्था का पालन करना जरूरी है, जिसका वे निर्वाचन आयोग को आश्वासन देते हैं और जिनकी मजबूती के लिए वे मतदाताओं से 'मत' की अपेक्षा करते हैं? हैरानी की बात है कि जो राजनीतिक दल पारदर्शिता, लोकतांत्रिक व्यवस्था और कानून के राज की दुहाई देते हैं, वे सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून से...
More »फंदे में फांसी- विशेष प्रस्तुति(प्रभात खबर)
फांसी की सजा को खत्म करने पर एक बहस दुनियाभर में सालों से चल रही है. भारत में भी मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी दिये जाने से पहले 291 प्रतिष्ठित लोगों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख कर फांसी रोकने की मांग की थी. भारत उन देशों में शामिल है, जहां फांसी की सजा पर अमल नहीं के बराबर हो रहा है. हालांकि जघन्यतम अपराध के दोषियों में...
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