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खाद्य सुरक्षा के दबाव में कार्बन उत्सर्जन घटाना चुनौती

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। देश की खाद्य सुरक्षा के दबाव में भारत का कृषि क्षेत्र कार्बन उत्सर्जन घटाने की हालत में नहीं है। सबके लिए भोजन मुहैया कराना फिलहाल प्राथमिकता है। हालांकि उत्सर्जन को कम करने के लिए जैविक खेती और भूमि प्रबंधन, जल संरक्षण व नाइट्रोजन का उपयोग कम करने की जरूरत है। पशुओं के बगैर जैविक खेती संभव नहीं है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचने के...

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खाने-पीने की चीजों में मिले अवैध कीटनाशकों के अवशेष

नई दिल्ली। देशभर के विभिन्न खुदरा दुकानों और थोक मंडियों से ली गई सब्जियों, फलों, दूध और खाने-पीने की अन्य चीजों में अवैध कीटनाशक के अवशेष पाए गए हैं। ऑर्गेनिक आउटलेट्स से लिए गए नमूनों में भी कीटनाशकों की मौजूदगी पाई गई। राष्ट्रीय स्तर पर एकत्र किए गए 20,618 नमूनों में से 12.50 प्रतिशत में कीटनाशकों के अवशेष मिले। ये नमूने कीटनाशक अवशेषों की निगरानी के लिए साल 2005 में शुरू...

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पोलियो के बाद हिंदुस्तान को एक और कामयाबी

मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत ने पोलियो उन्मूलन के बाद एक और अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर दिखाया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर डिवॉर्मिंग (पेट की कृमि खत्म करने का) अभियान चलाकर 15.5 करोड़ स्कूली बच्चों को इसकी दवा उपलबध करवाई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे अहम उपलब्‍ध बताते हुए भारत को बधाई दी है। डब्ल्यूएचओ के भारत प्रतिनिधि ने केंद्रीय स्वास्थ्य...

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तरक्की तो अपने दम पर ही होगी- यशवंत सिन्हा

स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक समय ऐसा भी था, जब सोवियत संघ के साथ भारत की प्रगाढ़ मैत्री तथा देश में वामपंथियों के बोलबाले के चलते सोवियत संघ के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहना घोर अपराध माना जाता था। मैं संसद में 1988 में आया और मुझे आश्चर्य हुआ जब संसद में भी सोवियत संघ के खिलाफ बोलने पर वामपंथी सदस्यों तथा अन्य दलों के उनके समान...

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उच्च शिक्षा की होड़ से पहले- चंदन श्रीवास्तव

उच्च शिक्षा-संस्थानों में कौन कितना बेहतर है, यह निर्धारित करने के लिए सरकार ने एक देसी फ्रेमवर्क बनाया है. संस्थानों को उनकी श्रेष्ठता के क्रम में ऊपर से नीचे सजाने की तरकीब आकर्षक लग सकती है और जरूरी भी. जो अभिभावक अपने होनहारों की उच्च शिक्षा पर बरसों की जमा रकम खर्च करने का फैसला लेते हैं, या फिर जो छात्र अपनी पढ़ाई के लिए सूद की ऊंची दरों पर...

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