राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति ; प्रारूप, ग्रामीण विकास मंत्रलय भारत सरकार के द्वारा सार्वजनिक बहस के लिए रखी गयी है. इस प्रारूप के शुरू में सरकार ने इस समस्या की गहराई को आंकड़ों के जरिये ही स्पष्ट रूप से यह सामने रखा है कि भारत जैसे देश में भूमि सुधीर का सवाल कितना अहम है. राष्ट्रीय प्रतिदर्श संगठन (एनएसएसओ के आंकड़ों 2003-04) के अनुसार करीब 41.63} परिवारों के पास घर के अलावा और...
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1.37 करोड़ गरीबों को दुर्गा पूजा में राशन नहीं
पटना: पटना जिले के फतुहा प्रखंड के अलावलपुर गांव के राजेंद्र दास को जून के बाद का राशन नहीं मिला है. राजेंद्र दास जैसे लाखों परिवारों को पिछले दो माह से राशन नहीं मिल सका है. राज्य के 1.37 करोड़ गरीबों की दुर्गापूजा राशन के बगैर मनेगी. जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों से अधिकतर जिलों में सितंबर का भी राशन नहीं बंटा है. कई जिलों में तो जुलाई व अगस्त का भी राशन...
More »अमीर कर्जदारों से गरीब ज्यादा भरोसेमंद
श्रीनगर। भारत के गरीब कहीं अधिक भरोसेमंद हैं। अपनी ऋण अदायगी की आदतों की वजह से गरीब अमीरों के मुकाबले बेहतर और ईमानदार कर्जदार हैं। यह कहते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बैंकों से निर्धनों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज देकर वित्तीय समावेश को सफल बनाने की अपील की। चिदंबरम जम्मू एंड कश्मीर बैंक की 75वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर...
More »खाद्य कानून की सफलता उत्पादन बढ़ाने पर निर्भर करती है: शरद पवार
नई दिल्ली। मंत्री शरद पवार ने आज इस बात से इन्कार किया कि खाद्य सुरक्षा कानून को लेकर उनकी कोई आपत्ति है। पर उन्होंने कहा कि देश में अनाज का उत्पादन बढा कर दुनिया के इस सबसे बड़े सामाजिक कल्याण कार्यक्रम को सफल बनाया जाना चाहिए न कि अनाज का आयात कर के। उन्होंने कहा कि चूंकि खाद्य सब्सिडी पर खर्च प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 1,000 रूपए तक पहुंच गया है...
More »विकास की आड़ में- अजेय कुमार
जनसत्ता 30 सितंबर, 2013 : यह महज संयोग है कि जिस दिन यानी तेरह सितंबर को सोलह दिसंबर के सामूहिक बलात्कार कांड के चारों दोषियों को अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई जा रही थी, भाजपा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित कर रही थी। मोदी के राज में ही गुजरात का जनसंहार और हजारों महिलाओं और बालिकाओं की इज्जत से...
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