सागर (मप्र) : बुंदेलखंड में पन्ना जिले के राजापुर गांव के आदिवासी द्वारा गेहूं के बदले बच्चे को गिरवी रखे जाने संबंधी खबरों को प्रशासन ने गलत बताते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में सरकार की रोजगारमूलक योजनाएं और खाद्यान्न वितरण योजना अच्छी चल रही है, इसलिए ऐसी घटना संभव नहीं है. सागर के संभागायुक्त राजकुमार माथुर ने मीडिया को पन्ना जिले के प्रभारी कलेक्टर द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट...
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क्या स्कूलों में सवा तीन रुपये में मिलेगा पौष्टिक भोजन?
नयी दिल्ली : मध्याह्न भोजन योजना के तहत प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के मद में प्रति छात्र महज 3.34 रुपये और उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के मद में प्रति छात्र पांच रुपये दिये जाते हैं जबकि प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर देशभर में रसोई घर सह स्टोर के निर्माण का 31 प्रतिशत कार्य अभी तक शुरु नहीं किया गया है. वहीं, केंद्र सरकार ने पिछले ढाई वर्ष में देश...
More »बदलते बिहार में मिड-डे मील- अश्विनी कुमार
मिड-डे मील से बच्चों की मौत ने न केवल देश की अंतरआत्मा को झकझोरा है, बल्कि बिहार में सुशासन व चमत्कारिक विकास की कमजोर नींव को भी उजागर किया है. पहले बगहा में 6 थारू आदिवासियों की पुलिस फायरिंग में मौत, फिर बोधगया आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन में नौकरशाही के सहारे शासन चलाने के आरोप से बचने के लिए संभवत: सबसे कठिन हालात का...
More »यह त्रासदी कहीं अपने को दोहरा ना दे...!
बिहार के छपरा जिले में जहरीला मिड डे मील खाने से हुई मौतों ने राज्य में इस कार्यक्रम के संचालन की तैयारियों को सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है। इसे चाहे हाथ आई रकम को समय रहते खर्च पाने की नाकामी कहें या फिर शिक्षा के अधिकार कानून में अमल में बरती जाने वाली कोताही, आशंका यह है छपरा की तरह बिहार के कई और जिलों में मिड डे मील की त्रासदी अपने को...
More »भूमिहीन परिवार बनें जमीन के मालिक
इस योजना के तहत सरकार वैसे आदिवासी परिवारों को बसने और जीवन यापन के लिए वनभूमि पर अधिकार का पट्टा देती है, जिस भूमि पर कोई आदिवासी परिवार लंबे समय से बसा हुआ हो. इस तरह की जमीन अहस्तांतरणीय और गैर व्यावसायिक होती है. यानी पट्टे पर मिली वन भूमि पर आदिवासी परिवार घर बना कर खुद रह सकता है और उस जमीन पर खुद के खाने लायक फसल उपजा...
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