शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के बीच सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के बारे में कई धारणाएं व्याप्त हैं। एक विशेष धारणा इनके परिवारों को लेकर मौजूद है। इसके तहत यह कहा जाता है कि इनके अभिभावक शिक्षा के प्रति सजग नहीं हैं। ये बच्चे सीखना नहीं चाहते और इनको सिखाना असंभव नहीं तो बेहद चुनौतीपूर्ण है, ये स्कूल में अनियमित रहते हैं आदि। ये बातें...
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आर्थिक विकास के लिए नीतियां जरूरी
वैश्विक होती अर्थव्यवस्था के दौर में समान विकास की अवधारणा मजबूत हो रही है. नीति-निर्माता से लेकर आर्थिक विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि विकास दर जरूरी है, लेकिन बिना आर्थिक असमानता को दूर किये विकास अधूरा है. इस व्यापक सोच के साथ रांची में ‘इंटरनेशनल काॅन्फ्रेस ऑन इन्क्लूसिव एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट इन झारखंड: चैलेंज एंड अपॉर्चुनिटी' विषय पर तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. पूर्वी भारत...
More »बढ़ रही मानसिक रोगियों की संख्या
भारत में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें डिप्रेशन व डिमेंशिया समेत अनेक प्रकार की दिमागी बीमारियां शामिल हैं. ‘द लेंसेट' के मुताबिक, आगामी दशक में भारत में इस बीमारी की चपेट में आनेवालों की संख्या बढ़ सकती है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसका समग्र इलाज कैसे मुमकिन हो सकता है. इसलिए इस समस्या से निजात पाने के लिए समग्र नजरिया अपनाना होगा़...
More »भारत का आइआइटी स्वप्न-- संदीप मानुधने
एक विशाल देश भारत, जिसकी एक अद्भुत प्राचीन संस्कृति रही है, और जिसने तमाम चुनौतियों के बावजूद सदैव अच्छी व गहन शिक्षा को समाज का एक विशिष्ट पहलू बनाये रखा है, वह आज एक दोराहे पर खड़ा है. हमें एक नये तकनीकी विश्व में अपनी ठोस जगह बनानी है, हमारे संसाधन सीमित हैं और हमारे पास वक्त भी कम है. आधुनिक विश्व अर्थव्यवस्था के सबसे प्रबल और शक्तिशाली देशों...
More »छात्रा ने घर फोन लगाकर कहा- मैं दिल्ली में फंसी हूं, छुड़ाकर घर ले जाओ..
रायगढ़ । 'मैं दिल्ली में पिछले एक साल से फंसी हूं, यहां मेरे साथ शोषण किया जा रहा है। मेरा मोबाइल भी लेकर तोड़ दिए हैं। इससे मैं आप लोगों से बात नहीं कर पा रही थी। खाना बनाने वाले रसोईये से मिन्नत के बाद उसने मोबाइल दिया है जिससे मैं बात कर रही हूं। मुझे किसी तरह यहां से निकालकर अपने साथ ले जाईये, मैं बहुत तकलीफ में हूं।' ये...
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