जब डोनाल्ड ट्रंप पेरिस समझौते से बाहर निकलने के अपने फैसले का एलान कर रहे थे, तो वह असल में, अपनी उन्हीं जलवायु-विरोधी नीतियों को मूर्त रूप दे रहे थे, जिन्हें अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से वह प्रोत्साहित करते रहे हैं। इस वर्ष मार्च में ही उन्होंने जीवाश्म ईंधन के समर्थन में एक आदेश जारी किया था। यह आदेश न सिर्फ कोयला खनन को बढ़ावा देता है,...
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26 साल से बूंद-बूंद को तरस रहे महाराष्ट्र के इन 3 गांवों में डाली गई पाइपलाइन
महाराष्ट्र के पुणे जिले के मुलशी तालुका में साल 1990 में जब टेमघर बांध बना था तो इस जगह रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा था। उसके बाद से लेकर अब तक इस इलाके में कोई पानी की पाइपलाइन नहीं डाली गई। वेगारे, धनौरी और मंडवखड़क इलाके की महिलाओं को कुएं से पानी लाने के लिए 2-4 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है। लेकिन 26 साल बाद यहां...
More »महिलाओं का सतत विकास--- डॉ सय्यद मुबीन जेहरा
लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य के केंद्र में मानवता का विकास छुपा है. लोकतंत्र किसी एक की सत्ता नहीं है, बल्कि इसका अर्थ है सत्ता में सब का योगदान और सभी का विकास. इसलिए जब हालिया सरकार ने सबका साथ सबका विकास की बात की, तो इसे कुछ लोग अलग-अलग सामाजिक ताने-बाने के अनुसार परखने और प्रचारित करने में लगे. लोकतंत्र एक छोटा-सा शब्द भर नहीं है, बल्कि यह एक...
More »जनवरी-मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ 6.1 फीसदी रही, 6 कोर सेक्टर में भी आई गिरावट
देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2016-17 में घटकर 7.1 प्रतिशत पर आ गई है। कृषि क्षेत्र के काफी अच्छे प्रदर्शन के बावजूद वृद्धि दर नीचे आई है। सरकार ने 500 और 1,000 के बड़े मूल्य के पहले से चल रहे नोटों को आठ नवंबर को बंद करने की घोषणा की थी। इस नोट बदलने के काम में 87 प्रतिशत नकद नोट चलन से बाहर हो गए...
More »स्वच्छ वातावरण का सपना--- विवेक कुमार बडोला
दुनिया में जैसे-जैसे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है वैसे-वैसे पर्यावरण के प्रति गंभीर मानवीय चिंता और चिंतन का अभाव भी हो रहा है। सरकारी संस्थाएं और गैर-सरकारी संगठन आधिकारिक रूप से इस संबंध में भले समय-समय पर चिंता प्रकट कर रहे हैं, पर आम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा का उत्तरदायित्व लेने को अब भी तैयार नहीं। अभी कुछ दिन पहले न्यूजीलैंड और भारत स्थित न्यायालयों ने नदियों को जीवित...
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