पटना : पांच वर्षो में बिहार में खरीफ और रबी फसलों का उत्पादन दोगुना होगा. साथ ही राष्ट्रीय औसत से अनाज उत्पादन अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है. धान, गेहूं, दलहन, तिलहन और मक्का सहित सभी प्रकार के अनाज और सब्जी उत्पादन में न सिर्फ आत्मनिर्भरता हासिल होगी, बल्कि निर्यात भी किया जा सकेगा. शुरू होंगी नयी योजनाएं उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य में कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. कृषि...
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49 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए नहीं मिली जमीन
छपरा : नाबार्ड के द्वारा जिले में 103 आंगनबाड़ी केंद्र भवन बनाने की योजना के लिए सबसे बड़ी बाधा भूमि की अनुपलब्धता बन गयी है. जिले में अब तक महज 16 आंगनबाड़ी केंद्र ही बन पाये हैं. कुछ का काम समाप्ति की स्थिति में है. कुल 49 आंगनबाड़ी केंद्र भूमि की अनुपलब्धता के कारण न तो निर्माण की प्रगति में है और न कोई उम्मीद दिखती है. यदि भूमि नहीं मिली, तो...
More »बगैर मुखिया चल रहे क्षेत्र के 51 विद्यालय
मोहम्मद हारून, हथीन : एक कहावत है कि बगैर सेनापति के फौज कुछ काम की नहीं। यह कहावत क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों पर सटीक बैठती है। क्षेत्र के 51 स्कूल बगैर सेनापति (मुखियाओं) के चल रहे हैं। हालांकि शिक्षा विभाग शिक्षा की बेहतरी के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रहा है, लेकिन लंबे अरसे से खाली पड़े पदों को भरने की जहमत नहीं उठाई। ऐसे में स्कूल प्रबंधन व पढ़ाई पर...
More »संभावना का परिसर
जनसत्ता 18 दिसंबर, 2011 : बहुत दिनों से जलगांव में बन रहे ‘गांधी शोध संस्थान’ के बारे में सुन रहा था। इसे देखने-समझने और जो लोग इसके पीछे हैं उनसे मिलने की इच्छा और उत्सुकता थी। पर मैं इन लोगों को नहीं जानता था, इसलिए संकोच होता था। पर आखिरकार जलगांव जाने का मौका मिल ही गया। वहां एक बडेÞ उद्योगपति हैं भंवरलाल जैन, जिन्होंने टपक-सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) के क्षेत्र में...
More »खेत के साथ आंख भी नम, जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज
सेम की समस्या सिर्फ चुनावों के समय ही म़ुद्दा बनती है। बाद में इनसे प्रभावित लोगों को कोई नहीं पूछता। सेम से सीएम प्रकाश सिंह बादल का गृह जिला मुक्तसर सबसे ज्यादा प्रभावित है। फरीदकोट और फिरोजपुर जिलों के कुछ गांव भी चपेट में हैं। कुछ साल पहले तक जमींदार कहलाए जाने वाले किसान आज जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज हैं। मुक्तसर जिले के तहत थेहड़ी गांव निवासी परमजीत...
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