राजनीतिज्ञों का एक बड़ा वर्ग यह कहकर मूंछें ऐंठता आया है कि 2005 से 2015 के बीच भारत ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी के अभिशाप से मुक्त किया और देश में गरीबी 50 फीसदी से घटकर 28 प्रतिशत तक आ गई। अगर यह सच है, तो फिर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक साल-दर-साल इतनी बड़ी संख्या में अकाल मौत के शिकार होने वाले लोग कौन हैं? आपको जानकर आश्चर्य...
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क्यों 25 साल बाद भी हमें नहीं पता कि बच्चों को चमकी बुखार से कैसे बचाया जाए?-- सचिन जैन
भारत में बच्चे एक संख्या भर बन कर रह गए हैं. वर्तमान विकास की चर्चाओं में हम बस शिशु मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर, कुपोषण का प्रतिशत, बच्चों के साथ लैंगिक शोषण के आंकड़े और मृत बच्चों की संख्या की गणना करते रहते हैं. पिछले महीने भर से बिहार के मुजफ्फरपुर के बहाने भी यही हुआ है. इस क्षेत्र में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार के कारण तकरीबन 150...
More »श्रम संकट से जूझते जापान की बढ़ती उलझनें
इन दिनों जब भारत समेत एशिया और अफ्रीका के कई देशों से आबादी के तेजी से बढ़ने की खबर आ रही है, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने स्वीकार किया है कि जापान में जन्म-दर में भारी गिरावट के कारण वहां की जनता जिस तरह तेजी से बूढ़ी हो रही है, वह घोर चिंता का विषय है। उन्होंने इस स्थिति का मुकाबला करने के लिए सुधार के कई कदम उठाने...
More »बेरोजगारी दर कैसे 6.1 प्रतिशत से भी ज्यादा हो सकती है, पढ़िए इस न्यूज एलर्ट में
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी श्रमबल सर्वेक्षण के नये आंकड़ों में बेरोजगारी दर के साल 2017-18 में 6.1 प्रतिशत होने की बात कही गई है लेकिन मंत्रालय के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित एक शोध-आलेख में आशंका जतायी गई है कि बेरोजगारी की मार झेल रहे लोगों की वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है.(आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण की मूल रिपोर्ट के लिए इस लिंक पर क्लिक करें) ‘सर्जिकल स्ट्राइक ऑन एम्पलॉयमेंट: द रिकार्ड ऑफ द फर्स्ट...
More »स्विस बैंक के खाताधारकों पर सख़्ती बढ़ी, करीब 50 भारतीयों को मिलेगा नोटिस
नई दिल्ली/बर्न: स्विट्जरलैंड के बैंकों में अघोषित खाते रखने वाले भारतीयों के खिलाफ दोनों देशों की सरकारों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. स्विट्जरलैंड के अधिकारी इस सिलसिले में कम से कम 50 भारतीय लोगों की बैंक संबंधी सूचनाएं भारतीय अधिकारियों को सौंपने की प्रक्रिया में लगे हैं. ऐसे लोगों में ज्यादातर जमीन-जायदाद , वित्तीय सेवा, प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, पेंट, घरेलू साज-सज्जा, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के...
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