द वायर, 21 अगस्त हम अक्सर ये सोचते हैं कि क्या इस विशाल ब्रह्मांड में और कहीं जीवन है? अगर है तो क्या वहां के जीव हम जैसे ही दिखते होंगे? क्या उनसे संपर्क करना मुमकिन होगा? मेरे विचार से यह बहुत कठिन सवाल हैं- हो सकता है इनका जवाब हमें बहुत समय तक न मिले, शायद कभी न मिले. पर यहां मैं हमारी पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत कब हुई,...
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जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए किसानों का दिल्ली आना शुरू, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा
दिप्रिंट, 22 अगस्त दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसानों की आवाजाही शुरू हो गई है. दरअसल, बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर किसान संगठन एसकेएम ने सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किए जाने का आह्वान किया था. इसके बाद सुरक्षा के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है. दिल्ली पुलिस ने राजधानी के पश्चिमोत्तर सीमा पर स्थित सिंघु बॉर्डर और...
More »महाराष्ट्र: मराठवाडा में गहराया कृषि संकट, 8 महीने में 600 किसानों ने की आत्महत्या!
गाँव सवेरा, 20 अगस्त आए दिन किसानों की आत्महत्या कि खबर पढ़ने और सुनने को मिलती है. तमाम प्रयासों और कोशिशों के बाद भी किसानों की आत्महत्या की सिलसिला नहीं रुक रहा है. 8 महीने में करीब 600 किसानों ने की आत्महत्या क्या मराठवाडा कृषि संकट का सामना कर रहा है. किसान संगठन में काम करने वाले कार्यकर्ताओं का मानना है कि मौसम की घटनाओं की बजाय किसानों की स्थिति...
More »भारत में 0.5 फीसदी से भी कम वाहन हैं इलेक्ट्रिक, प्रदूषण से त्रस्त होने के बावजूद क्यों नहीं अपना रहे लोग
डाउन टू अर्थ, 19 अगस्त इस समय भारत की सड़कों पर 13.3 लाख इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं, जोकि देश में कुल वाहनों का केवल 0.48 फीसदी ही हैं। यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा लोकसभा में दिए एक प्रश्न के जवाब में सामने आई है। जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन हैं जिनकी कुल संख्या 337,180 हैं। इसके बाद दिल्ली में...
More »मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब है अनाजों में बढ़ती 'महंगाई दर' की बात!
कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...
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