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कभी घर-घर सर्वे, कभी थोड़ी जासूसी, कभी ढोलक की थाप: कौन हैं ये गुमनाम "कोरोना वॉरियर्स", महामारी से लड़ती हुई ये दस लाख की पैदल सेना ?

-गांव कनेक्शन,  खबर पक्की थी। फोन गुपचुप आया था, "दीदी हमारे पड़ोस में बंबई से आये हैं।" उत्तर प्रदेश के अटेसुआ गाँव में शहर से वापस आये मजदूरों को कायदे से 14 दिन के लिए क्वारंटाइन होना था, लेकिन ग्राम प्रधान ने उनके तुरंत आने पर ऐसा नहीं करवाया था। गाँव की आशा कार्यकर्ता कुसुम सिंह (48) को पता था कि अगर प्रधान पर उन्होंने सीधे ऊँगली उठाई तो उनका विरोध...

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एमपी/हरियाणा: मंडी में 80 कुंतल सरसों लेकर पहुंचे किसान से 32 किलो लेकर वापस लौटाया, कर्ज वसूली पर छूट फिर भी काट रहे पैसे

-गांव कनेक्शन, फोन पर जैसे ही मैसेज आया कि आप अपनी फसल लेकर मंडी आ जाइये, बहादुर सिंह खुश हो गये। फटाफट गांव से मजदूरों को बुलाया और ट्रैक्टर पर 25 कुंतल सरसों लेकर मंडी पहुंच गये, लेकिन खुशी तब निराशा में बदल गई जब मंडी में उनसे केवल 64 किलो सरसों ही खरीदा गया। देश की कई प्रदेश सरकारों ने लॉकडाउन में छूट देते हुए गेहूं और सरसों की सरकारी खरीद...

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भारत में कोरोना से बड़ा संकट नफ़रत और भूख है- अरुंधति रॉय

दुनियाभर में कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बहुत गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं. आप अपने देश, जहाँ कई प्रकार की असमानताओं के कारण, स्थिति और भी जटिल हो जाती है, के बारे में हमारे दर्शकों को क्या कहना चाहेंगी? अगर संक्रमण के शिकार लोगों की संख्या पर नज़र डालें तो कोविड अभी तक भारत पर बड़े संकट के तौर पर नहीं नज़र आ रहा, हालाँकि इन आंकड़ों की विश्वसनीयता के...

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कोविड-19 : और क्या होगा न्यू नॉर्मल

-डाउन टू अर्थ, मैं बिना किसी संशय के कह सकती हूं कि कोविड-19 हमारे जीवनकाल की सबसे अधिक घातक एवं विनाशकारी घटना है और यह हमारे समाज की परिभाषा बदलकर रख देने की क्षमता रखता है। मेरी जानकारी में ऐसी कोई दूसरी महामारी नहीं है जो इतनी तेजी से फैली हो। वर्ष 2019 के दिसंबर के अंत में चीन में कोविड-19 का पहला केस पाया गया और आज अप्रैल 2020 के...

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लॉकडाउन के चलते गरीबी और भुखमरी बढ़ने का खतरा: अमर्त्य सेन, रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी

-द वायर, कोरोना वायरस के बढ़ते संकम्रण को रोकने के लिए लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाए जाने के बाद से विभिन्न वर्गों में चिंता बढ़ गई है. विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर सही तरीके से देश के लोगों को भोजन नहीं मुहैया कराया जाता है और दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ती समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो देश में गरीबी बढ़ने और भुखमरी का खतरा बढ़ सकता है. प्रख्यात...

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