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परंपरागत तरीकों से सूखे की समस्या को मात देते लोग-- पंकज चतुर्वेदी

अभी देश से मानसून बहुत दूर है और भारत का बड़ा हिस्सा सूखे, पानी की कमी व पलायन से जूझ रहा है। बुंदेलखंड के तो सैकड़ों गांव वीरान होने शुरू भी हो गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में बड़े जल संचयन स्थलों (जलाशयों) में पिछले साल की तुलना में कम पानी बचा है। यह सवाल हमारे देश में लगभग हर तीसरे साल खड़ा...

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एमएसबीवाई के स्मार्ट कार्ड जुलाई से हो जाएंगे 50 हजार के

रायपुर । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री राज्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) के स्मार्ट कार्ड की राशि 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार करने की घोषणा की। यह जुलाई से लागू भी हो जाएगी। प्रदेश में एमएसबीवाई कार्डधारियों संख्या 11.39 लाख है। करीब 41 लाख और स्मार्ट कार्डधारी हैं, जिनके पास राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) के कार्ड हैं। अब राज्य में ये स्थिति बन रही...

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मार्च में मोबाइल ग्राहकों की संख्या 89.52 करोड़ के पार

भारती एयरटेल और वोडाफोन सहित सात दूरसंचार ऑपरेटरों के मोबाइल फोन ग्राहकों की संख्या मार्च में 56.8 लाख बढ़कर 89.52 करोड़ के पार पहुंच गई। इसमें दिसंबर, 2016 तक के नई कंपनी रिलायंस जियो के आंकड़े भी शामिल हैं। यदि जियो को अलग किया जाए तो मार्च, 2017 के अंत तक कुल मोबाइल ग्राहकों की संख्या 82.31 करोड़ बैठेगी।   सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2017...

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ब्रांडेड दवाओं की महामारी-- आशुतोष चतुर्वेदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जेनेरिक दवाओं को अनिवार्य करने की घोषणा ने देश में एक नई बहस को जन्म दे दिया है. एक बड़ा तबका इसके समर्थन में खड़ा है तो दूसरी ओर डॉक्टरों का समुदाय और दवा कंपनियां इस घोषणा पर बेहद तल्ख प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि उनकी सरकार ऐसा कानून बनाएगी, जिससे डॉक्टरों के लिए सस्ती जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य...

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जल्द मिले सस्ती औषधि की सौगात - डॉ एके अरुण

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया कि ऐसा कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा जिसके तहत चिकित्सकों को उपचार के लिए महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह जेनेरिक दवाएं (जो मूल दवा है और सस्ती होती है) ही लिखनी होंगी। उल्लेखनीय है कि बेहद महंगी दरों पर मिलने वाली ब्रांडेड दवाएं मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब पर इतनी भारी पड़ती हैं कि अधिकांश तो पर्याप्त मात्रा में दवाएं...

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