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पुलिस किन परिस्थितियों में लोगों पर बल का प्रयोग कर सकती है?

बीते 15 दिसंबर को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के कैंपस में घुसकर पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसायीं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की थी और कई बसों में आग लगा दी थी. इस वजह से विश्वविद्यालय के अंदर पुलिस ने यह कार्रवाई की. भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में दिल्ली पुलिस की...

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‘दिल्ली से कई गुना ज्यादा प्रदूषण की मार हम लोग झेल रहे हैं’

राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर कोटपूतली तहसील के कई गांव धूल के गुबार में ढके नज़र आते हैं. यहां सड़क पर दौड़ते ट्रकों और दिन-रात चलते स्टोन क्रशर्स की कर्कश आवाज़ के पीछे बीमार और परेशान जनता की कराहें छुपी हैं. हाइवे से लगे चोटिया की ढाणी गांव में हमारी मुलाकात 25 साल के रामप्रसाद और उनके साथी महेन्द्र मीणा से होती है. ‘हमें लगातार 15 साल...

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“आम आदमी को नहीं मालूम कि कांग्रेस की विचारधारा क्या है”, दार्शनिक राठौड़

आकाश सिंह राठौड़ दार्शनिक हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीतिक विचार, न्यायशास्त्र, मानव अधिकारों और दलित नारीवादी सिद्धांत के दर्शन पर काम किया है. राठौड़ ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, बर्लिन विश्वविद्यालय और न्यू जर्सी स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्यापन किया है. फिलहाल वह रोम (इटली) के लुइस विश्वविद्यालय से संबद्ध एथोस नामक थिंक टैंक से जुड़े हैं. वह रीथिंकिंग इंडिया श्रृंखला के संपादक हैं जो 14 संस्करणों का एक संग्रह है....

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नागरिकता संशोधन विधेयक क्या संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है?

सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 जब लोकसभा में पेश किया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ये कहते हुए इसका विरोध किया कि ये विधेयक भारतीय संविधान के अनुच्छेद 5, 10, 14 और 15 की मूल भावना का उल्लंघन करता है. कई राजनीतिक और सामाजिक तबके इस विधेयक को विवादित मान रहे हैं. जिसमें बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, बौद्ध, जैन,...

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भोपाल गैस त्रासदी: 35 साल बाद भी नहीं मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ़ और मुआवजा

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री की गैस त्रासदी को 35 बरस हो गए और आज तक पीड़ितों को पूरी तरह मुआवजा तक नहीं मिल पाया है. वहीं, जहरीली गैस की शिकार हुई नई पीढ़ी इस मुआवजे के आकलन में ही शामिल नहीं है. गैर सरकारी संस्थान भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉरमेशन एंड एक्शन की सदस्य रचना धिंगरा ने बताया कि सूचना के अधिकार से यह स्पष्ट हुआ है...

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