लापोड़िया और रामगढ़ की कहानी देश में चौतरफा फैले जल संकट का समाधान तो सुझाती ही है, लेकिन उससे भी बढ़कर सामाजिक समानता की नींव पर बने एक प्रगतिशील समाज का सपना भी साकार करती है. रिपोर्ट और फोटो: प्रियंका दुबे ऐसे समय में जब पानी की किल्लत दिल्ली-मुंबई से लेकर जयपुर तक सैकड़ों भारतीय शहरों को सूखे नलों के मकड़जाल और अनंत प्रतीक्षा के रेगिस्तान में तब्दील कर रही है,...
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अच्छा आर्थिक माहौल देने में पंजाब 12 वें स्थान पर
अच्छा आर्थिक माहौल देने में पंजाब 12 वें स्थान पर चंडीगढ़. निवेश की संभावनाएं आंकने वाले इकोनॉमिक्स फ्रीडम इंडेक्स (इएफआई) में पंजाब देश के बीस बड़े राज्यों में 12वें स्थान पर लुढ़क गया है। हालांकि, पिछले दो साल ने पंजाब न तो ग्रोथ की है और न ही नीचे आया है, लेकिन कई दूसरे राज्यों ने तेजी से विकास कर उसे पीछे छोड़ दिया है। किसी समय नंबर वन रहे पंजाब के...
More »विस्थापन का विकास- भारत डोगरा
हमारे देश में विकास के मौजूदा दौर में विस्थापन की समस्या बहुत विकट हो गई है। एक ओर पहले हुए विस्थापन से त्रस्त लोगों को अभी न्याय नहीं मिल पाया है, तो दूसरी ओर उससे भी बड़े पैमाने पर किसान और विशेषकर आदिवासी किसान नए सिरे से विस्थापित हो रहे हैं। हाल ही में जन सत्याग्रह संवाद के कार्यक्रम के अंतर्गत देश के लगभग साढ़े तीन सौ जिलों में भूमि संबंधी...
More »लूट की छूट- आशीष खेतान
छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधनों का अकूत भंडार है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को हो रहा है जिन पर मुख्यमंत्री रमन सिंह की कृपादृष्टि है. आशीष खेतान की रिपोर्ट. साल 2011 की बात है. दीवाली का मौका था. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चर्चित अखबार ‘पत्रिका’ के स्थानीय संपादक गिरिराज शर्मा के पास एक विशेष उपहार पहुंचा. राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यालय की तरफ से...
More »पर्यावरण भी हो विकास का मानक- अनिल पी जोशी
हमने विकास का सबसे बड़ा मापदंड सकल घरेलू उत्पाद की दर को माना है। किसी भी देश की प्रगति उसकी जीडीपी के आधार पर तय की जाती है। इसमें उद्योग, सुविधाएं, रियल इस्टेट बिजनेस, सेवाएं आदि मुख्य रूप से आते हैं। सही मायने में खेती को ही जीडीपी या उत्पादन की श्रेणी में आना चाहिए, क्योंकि अन्य उत्पाद हमारी सुविधाओं से जुड़े हैं, न कि आवश्यकताओं से। विकास की मौजूदा अवधारणा...
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